महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक ने स्टांप शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है। यह कटौती 35 लाख से 45 लाख रुपये के बीच के मकानों पर की गई है। उद्योग जगत का कहना है कि मझोले क्षेत्र में आवास की कीमत बढ़ गई है और इसमें 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के फ्लैट शामिल हो गए हैं। ऐसे में सरकार के इस कदम का महाराष्ट्र की तुलना में सीमित असर होगा, जहां हर बजट के मकानों पर स्टांप शुल्क कम किया गया है। ब्रिगेड, शोभा, पूर्वांकरा जैसे सूचीबद्ध डेवलपरों ने मांग की है कि हर बजट के मकानों पर स्टांप शुल्क में कटौती की जानी चाहिए।
पिछले साल सरकार ने 20 लाख रुपये से कम दाम के मकानों पर स्टांप शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया था। ब्रिगेड इंटरप्राइजेज के सीईओ राजेंद्र जोशी ने कहा, ‘स्टांप सुल्क का लाभ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए दिया गया है। हमें यह ध्यान में रखने की जरूरत है कि इसके लिए योजना बनाने व लागू करने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत होती है। अगर यह लाभ 3 से 5 साल के लिए की दिया गया होता तो निश्चित रूप से लाभ की संभावना थी। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह 1 करोड़ रुपये से नीचे के मकान तक इस लाभ का विस्तार करे।’