दिल्ली में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है बीते 24 घंटे में 25,000 से ज्यादा संक्रमण के मामले आने के बाद राष्ट्रीरय राजधानी के अस्पतालों में बिस्तरों और दवाओं की किल्लत हो रही है। ऐसे में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली सरकार सरकार ने सोमवार रात 10 बजे से 26 अप्रैल सुबह पांच बजे तक सप्ताह भर के लॉकडाउन की घोषणा की है। इलाहाबद उच्च न्यालय में उत्तर प्रदेश सरकार से पांच शहरों में लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया है। लेकिन सरकार ने फिलहाल लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया है। राजस्थान ने पाबंदियों को 3 मई तक बढ़ा दिया हैै, वहीं तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को लॉकडाउन या कफ्र्यू पर निर्णरू करने के लिए दो दिन का वक्त दिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वर्चुअल संबोधन में कहा, ‘अगर अब कड़े कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था नाकाम हो सकती है।’ केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था इतने बड़े पैमाने पर मरीजों को संभालने में सक्षम नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘अगर हमने अभी लॉकडाउन नहीं लगाया तो हमें त्रासदी का सामना करना पड़ सकता है। हम किसी भी कीमत पर ऐसी स्थिति का सामना नहींं करना चाहते, जिसमें मरीज बरामदों में पड़े रहें या गलियों में ही अपनी जान गंवा दें।’
यह फैसला दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के साथ विचार-विमर्श करने के बाद लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के इन छह दिनों का इस्तेमाल बेड, ऑक्सिजन और दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने में किया जाएगा। राजधानी मेंं 100 से कम आईसीयू बेड उपलब्ध हैं और अस्पतालों में ऑक्सिजन खत्म हो रही है। केजरीवाल ने कहा, ‘एक निजी अस्पताल ने कल से पहले की रात को सुबह करीब तीन बजे हमें सूचित किया कि उनके पास ऑक्सिजन लगभग खत्म हो गई है। वे घबराए हुए थे क्योंकि इससे बड़ा हादसा हो सकता था। वे बड़ी मुश्किल से ऑक्सिजन खरीद पाए। हमारे पास दवाओं, विशेष रूप से रेमडेसिविर की भारी कमी है।’
दिल्ली सरकार ने प्रवासी श्रमिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और शहर न छोड़ें क्योंकि यह लॉकडाउन थोड़े समय का है। केजरीवाल ने भरोसा दिलाया कि लॉकडाउन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।