भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी एवं महाराष्ट्र खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में बुधवार को कोलाबा थाने में पेश हुईं, जहां उनसे दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। इसी मामले में दो दिन पहले भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी पुलिस ने करीब दो घंटे की पूछताछ की थी।
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि शुक्ला, बुधवार को सुबह 11 बजे अपने वकील के साथ दक्षिणी मुंबई स्थित कोलाबा थाने पहुंचीं और वहां से करीब डेढ़ बजे निकलीं। शुक्ला के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में दक्षिण मुंबई के कोलाबा थाने में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव जैन की शिकायत के आधार पर शुक्ला के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप है कि शुक्ला ने शिवसेना सांसद संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खडसे के फोन अवैध रूप से टैप किए थे।
पुलिस ने पहले बताया था कि मामला उस समय का है जब शुक्ला महाराष्ट्र के राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख थीं। बंबई उच्च न्यायालय ने हाल ही में शुक्ला के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कदम उठाने पर एक अप्रैल तक रोक लगा दी थी। अदालत ने शुक्ला को 16 और 23 मार्च को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच थाने में पेश होने को भी कहा था। इससे पहले, पुणे पुलिस ने कांग्रेस नेता नाना पटोले के फोन की कथित अवैध टैपिंग के संबंध में शुक्ला के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जब राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी।
महाराष्ट्र पुलिस विभाग में होने वाले तबादलों में भ्रष्ट्राचार और कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में मुंबई साइबर पुलिस की टीम ने 13 मार्च को भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर जाकर इसी मामले में करीब दो घंटे पूछताछ की थी । जिसके बाद राज्य की राजनीति गरमा गई। फडणनवीस ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनसे इस तरह सवाल पूछे गए जैसे वह आरोपी है, जबकि इस पूरे भ्रष्ट्राचार को उन्होने ही खोला। इसके बाद यह महाराष्ट्र विधानसभा में मुद्दा उठा। जिस पर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि यह एक नियमित कार्रवाई थी इससे सरकार को कोई लेना देना नहीं है।
आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने राज्य खुफिया विभाग के प्रमुख पद पर रहते नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के फोन गैर कानूनी तरीके से टैप करवाए थे। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने एक पत्र का हवाला दिया था जिसे कथित तौर पर शुक्ला ने महाराष्ट्र के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर पुलिस विभाग में होने वाले तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। कथित पत्र में फोन कॉल टैप की भी जानकारी दी गई थी जिसको लेकर विवाद पैदा हुआ और शिवसेना नीत सत्तारूढ़ गठबंधन ने आरोप लगाया कि शुक्ला ने बिना अनुमति फोन टैप करवाए। कथित रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पिछले साल बीकेसी साइबर पुलिस थाने में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में शिकायत राज्य खुफिया विभाग ने दर्ज कराई थी। प्राथमिकी दर्ज होने से पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने अपनी कथित जांच रिपोर्ट में कहा था कि शुक्ला ने गोपनीय रिपोर्ट लीक की है।
