उत्तर प्रदेश में सबसे लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री रहने वाले योगी आदित्यनाथ की सरकार के चार साल पूरे होने पर जश्न मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
जहां प्रदेश मंत्रिमंडल में विभिन्न विभागों के मंत्री चार साल पूरा होने पर अपनी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दे रहे हैं, वहीं पार्टी संगठन ने इस मौके सप्ताह भर का अभियान चलाने का फैसला किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कार्यकाल के चार साल पूरे करने के मौके पर गुरुवार 19 मार्च को उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करेगी। योगी भाजपा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रहे है और उनका पांच साल का कार्यकाल अगले साल समाप्त होगा।
प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का बखान करने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने 64 पन्ने की एक बुकलेट तैयार की है जिसका शीर्षक है ‘चुनौतियों में तलाशे अवसर’। इस किताब के जरिये यह बताने की कोशिश की गई है कि कोरोना के समय में सरकार ने किस प्रकार चुनौतियों का अवसर में तब्दील किया जिसके चलते यूपी की विकास यात्रा जारी रह सकी है। आर्थिक उपलब्धियों का जिक्र करते हुए किताब में कहा गया है कि योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश पर लगा बीमारू राज्य का ठप्पा हटा और पिछले 4 सालों के अंतराल में जीएसडीपी 10.9 लाख करोड़ से बढ़कर 21.73 लाख करोड़ पहुंच गई।
चार साल पूरे होने पर जारी की जाने वाली उपलब्धियों की किताब में बताया गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में मेट्रो रेल परियोजना पर पहले से ही काम चल रहा है। मेरठ को जल्द ही मेट्रो रेल का तोहफा मिलने की उम्मीद है वहीं गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और झांसी में लाइट मेट्रो की शुरुआत होगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस का उदघाटन जून में प्रस्तावित है जबकि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।
इस बुकलेट को राज्य की सभी ग्राम सभाओं में वितरित किया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ता इन किताबों को जनता के बीच ले जाएंगे और सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और उपलब्धियों की जानकारी लोगों को देंगे। इस मौके पर 19 मार्च से एक सप्ताह का विशेष अभियान शुरू किया जाएगा जिसमें पार्टी कार्यकर्ता और नेता बैठक आयोजित कर आम लोगों से संवाद करेंगे और उन्हें सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया था। इससे पहले कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकारों का नेतृत्व कर चुके हैं। हालांकि इनमें से कोई भी मुख्यमंत्री तीन साल से अधिक समय तक कुर्सी पर नहीं बैठा है।