अब गांव देहात के लोगों को नए नोट व सिक्के लेने के लिए बडे शहरों के चक्कर नहीं काटने होंगे क्योंकि रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने गांवों में स्थित छोटे-छोटे ग्रामीण बैंको को करेंसी चेस्ट तथा विदेशी विनिमय सुविधा उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान कर दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्रीय निदेशक जे बी भोरिया ने बताया कि मुरादाबाद जिले का ‘प्रथमा’ ग्रामीण बैंक ऐसा पहला क्षेत्रीय बैंक होगा जहां करेंसी चेस्ट व फारेन एक्सचेन्ज की सुविधा होगी क्योंकि प्रथमा बैंक मुरादाबाद रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार आवश्यक तैयारियां बहुत तेजी से कर रहा है।
उन्होंने बताया कि देश में आर्थिक विकास जिस तेजी से हो रहा है उसी के परिपेक्ष्य में ग्रामीणों को भी नए नोटों व सिक्कों के साथ साथ फारेन एक्सचेन्ज की जरुरत होती है और इसके लिए उन्हें शहरों के चक्कर लगाने पड़ते है। ग्रामीणों की इन्ही जरुरतों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने क्षेत्रीय ग्रामीणों को करेंसी चेस्ट व विदेशी विनिमय सेवा उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान की है।
भोरिया ने बताया कि ग्रामीण बैंको के करेंसी चेस्ट खोलने के लिए रिजर्व बैंक ने कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए है जिनका पालन करने के बाद ही किसी भी ग्रामीण बैंक को इसकी अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए ग्रामीण बैंक को विशेष धातु का लाकर रुम बनवाना पडेगा तथा इस लाकर रुम की गुणवत्ता की जांच रिजर्व बैंक के अधिकारी करेंगे इसके अतिरिक्त उसे सशस्त्र सुरक्षाकर्मी भी रखने होंगे।
जब रिजर्व बैंके के अधिकारी सभी मानकों से संतुष्ट हो जाएगे तभी रिजर्व बैंक किसी भी ग्रामीण बैंक को करेंसी चेस्ट खोलने की अनुमति तथा फारेन एक्सचेंज का लाइसेंस देगा। ऐसा इएलिए करना पड़ता है क्योंकि करेंसी चेस्ट खुलने के बाद रिजर्व बैंक अपना धन भी वहां रखता है।