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पीपीपी से पश्चिम बंगाल में खुलेंगी नई राहें

Last Updated- December 05, 2022 | 7:03 PM IST

पश्चिम बंगाल के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने राज्य के सभी राजमार्गों को 7 मीटर चौड़ा करने के लिए एक योजना तैयार की है और सरकार का इरादा इस योजना में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी कंपनियों को शामिल करने की है।


राज्य के लोक निर्माण मंत्री कशिति गोस्वामी ने बताया कि ‘राज्य सरकार पहले की कुछ रागमार्गो को 5 मीटर चौड़ा कर चुकी है। हम चाहते हैं कि राज्य के सभी राज्य मार्गो को 7 मीटर चौड़ा करने के लिए निजी क्षेत्र भी भागीदार बने।’ उन्होंने बंगाल नेशनल चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित बैठक ‘पश्चिम बंगाल में सड़क बुनियादी ढांचा’ के मौके पर यह बात कही।


गोस्वामी ने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पीडब्ल्यूडी विभाग के अनुरोध पर तीन सीमेंट कंपनियां अपने द्वारा इस्तेमाल करने वाली सड़कों का रखरखाव भी खुद करतीं हैं। ये तीनों सीमेंट कंपनियां सड़कों के रखरखाव पर होने वाले खर्च को उठाने के लिए तैयार हो गई हैं और उन्होंने सड़कों को चौड़ा करने और मजबूत बनाने के लिए एक फंड भी दिया है। 


उन्होंने कहा कि ऐसे ही किसी मॉडल को पश्चिम बंगाल में भी अपनाया जा सकता है और कई अधिक व्यस्तता वाली सड़कों में निजी भागीदारी की अनुमति दी जा सकती है।
गोस्वामी ने बताया कि अभी तक पश्चिम बंगाल के राजमार्गों में निजी क्षेत्र की कोई भागीदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में निजी कंपनियों को भुगतान के बुरे रिकार्ड के कारण भी ऐसा है।


उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क परियोजनाओं के विकास के लिए बड़ी मात्रा में फंड की जरुरत है और इसलिए निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी हो जाती है। पश्चिम बंगाल सरकार कोष की कमी से जूझ रही है और हाल में जारी कैग की रिपोर्ट में भी चेतावानी दी गई थी कि यदि सरकार ने राजकोषीय अनुशासन पर जोर नहीं दिया तो वह कर्ज के जाल में फंस सकती है। गोस्वामी ने हालांकि यह नहीं बताया कि राजमार्गो को चौड़ा कब तक चौड़ा किया जाएगा और इसकी आनुमानित लागत कितनी होगी।


उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग 34 को चौड़ा करने के लिए जमीन अधिग्रहण पर जारी गतिरोध के जल्द ही हल होने की बात कही। यह सड़क कोलकाता में नेताजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और बेलघोरिया एक्सप्रेसवे को जोड़ती है। उन्होंने आगे कहा कि सिलीगुड़ी से जलपाईगुड़ी तक राजमार्ग को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंपा जा सकता है। इस राजमार्ग का रखरखाव अभी तक राज्य पीडब्ल्यूडी के पास है।


उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत प्रस्तावित 3,080 किलोमीटर लंबी सड़क सुधार योजना और 800 किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत करने तथा उन्हें चौड़ा करने की योजना क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। सड़क सुधार योजना का वित्त पोषण राज्य सरकार के योजना कोष और कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक (नाबार्ड) द्वारा किया जा रहा है।


अन्य परियोजनाओं में बीटी रोड को छह लेन बनाना, काजी नजरुल इस्लाम एवेन्यू में सुधार और राज्य के विभिन्न जिलों में 34 पुलों का निर्माण शामिल है। इस साल तीन ओवरब्रिज को यातायात के लिए खोला जा चुका है और छह अन्य पुल क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। राष्ट्रीय राजमर्गा विकास परियोजना की सवर्णिम चतुर्भज परियोजना के तहत राज्य में एनएच-2, एनएच-6 के धनकुनी- खड़गपुर खंड, खड़गपुर से उड़ीसा बार्डर तक एनएच=60 को चार लेने बनाया जा चुका है।


इसके अलावा राज्य में एशियाई विकास बैंक की ऋण सहायता के जरिए पश्चिम बंगाल कॉरीडोर विकास परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस परियोजना में एनएच=34 के करीब 370 किलोमीटर लंबे हिस्से को सुधारा जाएगा। इसके अलावा 102 किलो मीटर लंबी ग्रामीण सड़कों को सुधारा जाएगा।

First Published - April 4, 2008 | 10:34 PM IST

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