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पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की आंशिक शुरुआत मार्च से!

Last Updated- December 14, 2022 | 8:21 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से को दिल्ली से जोडऩे वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को अगले साल मार्च तक आंशिक रुप से यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की ही तर्ज पर यहां भी वायुसेना के लड़ाकू विमान उतारे जा सकेंगे। मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास भी अगले साल किया जाएगा।
लखनऊ से गाजीपुर तक बन रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य 65 फीसदी से ज्यादा पूरा किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि परियोजना की कुल भौतिक प्रगति लगभग 68 फीसदी तक पूरी की जा चुकी है और इस  परियोजना के मेन कैरिज वे को मार्च 2021 के आखिर तक खोलने का लक्ष्य है। एक्सप्रेस-वे पर आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेकआफ के लिए सुल्तानपुर जिले में 3.2 किलोमीटर लम्बी हवाईपट्टी का निर्माण भी प्रस्तावित है। इससे पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर इस तरह की व्यवस्था की गयी है।
मुख्य सचिव के मुताबिक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर लखनऊ जिले के चांदसराय गांव से शुरू होकर बिहार सीमा से 18 किमी पहले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 पर गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव पर समाप्त होगा। एक्सप्रेस-वे की लंबाई 340.824 किमी है और परियोजना की कुल अनुमानित लागत रुपये 22494.94 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर लाभान्वित होंगी। इस एक्सप्रेस-वे के तहत कुल 22 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवरब्रिज, सात बड़े व 114 छोटे सेतु, 265 अण्डरपास और 507 पुलियों का निर्माण कार्य चल रहा है। इस परियोजना के तहत निर्माण कार्यों के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कुल आठ पैकेजों में बांटा गया है जिन पर तेजी से कार्य चल रहा है।
मुख्य सचिव ने बताया कि एक्सप्रेस-वे निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिये देश की राजधानी से जुड़ जायेगा। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण से पूर्वांचल के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और इसके दोनो और उद्योग लगेंगे। प्रदेश सरकार ने एक्सप्रेस वे के दोनो ओर औद्योगिक गलियारे विकसित करने की योजना को हरी झंडी दी है। सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेस-वे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के इंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। तिवारी के मुताबिक इस एक्सप्रेस-वे के दोनो और बनने वाले औद्योगिक गलियारों में हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भण्डारण गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना की जाएगी।

First Published - December 11, 2020 | 12:14 AM IST

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