ओएनजीसी ने देश भर में अपने फील्डों में तेल और गैस के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 3570.6 करोड़ रुपये के निवेश करने की घोषणा की है।
यहीं नही ओएनजीसी ने नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए 169 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय भी लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेल फील्डों में उत्पादन अब कम होता जा रहा है। क्योंकि देश में अभी भी तेल का उत्पादन उन्हीं फील्डों से किया जा रहा है जो आज से 25 साल पहले खोजी गई थी।
ओएनजीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) आर एस शर्मा ने बोर्ड की 178वीं बैठक में कहा कि ओएनजीसी का आरक्षित पुनर्स्थापना अनुपात (आरआरआर) लगातार चौथे साल में 1 से ज्यादा रहा है। इससे ओएनजीसी के अच्छे कारोबार के संकेत साफ तौर पर पता चलते है। ओएनजीसी ने अपने घरेलू आपरेशन के तहत अप्रैल 2008 में लगभग 7 नए तेल रिजर्व क्षेत्रों का पता लगाया है।
बोर्ड ने राजस्थान स्थित केयर्सं कंपनी द्वारा संचालित तेल ब्लॉक के अतिरिक्त सभी तेल ब्लॉकों में तेल के उत्पादन में सुधार के लिए 3570.6 करोड़ रुपये का निवेश करने का मन बनाया है। इस योजना में हीरा पुननिर्माण योजना के सुधार और विकास के लिए 475 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया गया है। ओएनजीसी ने नीलम पुननिर्माण परियोजना में उत्पादन की बढोतरी और हाई सल्फर क्रूड की प्रोसेस के लिए 305 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।
इसके अलावा ओएनजीसी अरब सागर में स्थित मुंबई हाई में बुनियादी ढांचे को विकसित करने, पानी के इंजेक्ट क्रिया को मजबूत करने के लिए 333.8 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यहीं नहीं कंपनी राजस्थान में मंगला, ऐश्वर्या, राजेश्वरी और सरस्वती(मार्स) नाम की चार परियोजनाओं में 1804 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन परियोजनाओं में केयर्स की 70 फीसदी की हिस्सेदारी है।