facebookmetapixel
महंगे IPO में बढ़ते रिस्क पर एक्सपर्ट्स की चेतावनी: निवेशक वैल्यूएशन समझकर ही लगाएं पैसाBihar Election Results: प्रशांत किशोर की बड़ी हार! जन सुराज के दावे फेल, रणनीति पर उठे सवालBihar Results: कैसे हर चुनाव में नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक रणनीति को जरूरत के हिसाब से बदला?ED के समन पर पेश नहीं हुए अनिल अंबानी, बढ़ सकती है मुश्किलें! एजेंसी ने नया नोटिस जारी कियाBihar Assembly Elections 2025: NDA की प्रंचड जीत पर बोले प्रधानमंत्री मोदी, कहा- यह सुशासन की जीत हैBihar Assembly Elections 2025: कई सीट के अंतिम नतीजे घोषित, NDA प्रत्याशियों की जीत का सिलसिला जारीBihar Election Result: बिहार में NDA की जोरदार वापसी, किसानों के लिए किए बड़े वादों पर अब सबकी नजरेंकांग्रेस का सूपड़ा साफ! कभी 196 सीटें जीतने वाली पार्टी आज सिर्फ 1 सीट पर आगे, भविष्य पर फिर उठे सवालMarket This Week: फार्मा-आईटी शेयरों में चमक से इस हफ्ते चढ़ा बाजार, निवेशकों को ₹7 लाख करोड़ का फायदालालू के दोनों लाल क्या बचा पाएंगे अपनी सीट? तेजस्वी दूसरे तो तेज प्रताप तीसरे नंबर पर; बढ़ रहा वोटों का अंतर

पुरानी दिल्ली के कारोबारियों पर कन्वर्जन शुल्क की मार

Last Updated- December 11, 2022 | 4:02 PM IST

कारोबारियों पर कन्वर्जन शुल्क की मार पड़ने वाली है। इस बार विशेष क्षेत्र यानी पुरानी दिल्ली के बाजारों के कारोबारियों से भी यह शुल्क वसूला जा सकता है। अभी तक इन कारोबारियों को कन्वर्जन शुल्क से राहत मिलती रही है। दिल्ली नगर निगम के अधिकारी विशेष क्षेत्र वाले बाजारों में सर्वे कर रहे हैं।

दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष और सदर बाजार के कारोबारी देवराज बवेजा ने बताया कि 1962 से पहले के बाजारों मसलन चांदनी चौक, सदर बाजार, करोल बाग, खारी बावली, कमला बाजार आदि को विशेष क्षेत्र के बाजार माना जाता है और इन बाजारों पर कन्वर्जन शुल्क लागू नहीं होता है।

नगर निगम पहले भी इन बाजारों के कारोबारियों से कन्वर्जन शुल्क लेने की कोशिश करती रही है। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप से इसमें कामयाब नहीं हो पाई। अब नगर निगम एकीकरण के बाद निगम अधिकारियों के हवाले है। इसलिए कारोबारियों की सुनवाई नहीं हो रही है।

अधिकारियों को विशेष क्षेत्र का हवाला देने पर वे इसके दस्तावेज मांग रहे हैं। साथ ही यह शर्त लगा रहे हैं कि तब से अब तक दुकानों के ढांचे व दस्तावेजों में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। ऐसा संभव नहीं है कि 60 सालों में ढांचे में बदलाव न हो। भाइयों में बंटवारे के कारण एक ही दुकान में से अब दो या अधिक दुकानें हो गई हैं। सदर बाजार में 20 मीटर की दुकान वाले कारोबारी को एकमुश्त 30,000 हजार रूपये से अधिक कन्वर्जन शुल्क देना होगा।

दिल्ली केमिकल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता कहते हैं कि कई दुकानों के जर्जर होने से उनकी जगह नई दुकान बनने या मरम्मत होने से ढांचे में बदलाव स्वाभाविक है। कारोबार बदलने से दस्तावेजों में भी परिवर्तन हुए है। ऐसे में ढांचे में परिवर्तन के आधार पर विशेष क्षेत्र के कारोबारियों को कन्वर्जन शुल्क से मिली राहत को समाप्त करना उचित नहीं है। इस समय अधिकारी बाजारों में दुकानों का सर्वे कर रहे हैं।  

First Published - September 2, 2022 | 7:28 PM IST

संबंधित पोस्ट