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उत्तर प्रदेश में चलने वाली स्कूली बसों के लिए अब एक ही कर

Last Updated- December 11, 2022 | 5:16 PM IST

उत्तर प्रदेश में चलने वाली स्कूली बसों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। स्कूली बसों व कैबों को अब एक ही कर देना पड़ेगा। योगी सरकार ने स्कूली बच्चों की ड्रेस आदि के लिए सीधे अभिभावकों के खाते में दी जाने वाली धनराशि बढ़ा दी है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में स्कूली बसों से लिए जाने वाले कर को लेकर प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में स्कूली बच्चों को लाने-लेजाने वाली बसों व कैबों को एक ही कर देना होगा। प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस फैसले से सरकार को 12 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान होगा। हालांकि इससे जनता को फायदा होगा और ट्रैफिक जाम से बचा जा सकेगा। स्कूली बसों व कैब को अभी तक हर प्रदेश का अलग टैक्स देना होता था। इसकी दिक्कत सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलने वाले वाहनों को होती थी, जहां स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में कई राज्यों की सीमाएं पड़ती थीं और हर जगह अलग-अलग कर भरना पड़ता था। अब चार राज्यों ने आपस में बात कर कर माफ करने पर सहमति दी है। यह कर माफी वैन, कैब व एंबुलेंस के लिए लागू होगी।
मंत्रिपरिषद ने प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये दी जाने वाली धनराशि को 1,100 रुपये से बढ़ाकर 1,200 रुपये करने का फैसला किया है।

First Published - July 27, 2022 | 1:10 AM IST

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