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उत्तराखंड में बनेगा नया औद्योगिक परिसर

Last Updated- December 05, 2022 | 8:44 PM IST

उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) कुमांऊ  क्षेत्र के काशीपुर में एस्कॉर्ट फार्म पर एक नए औद्योगिक परिसर की स्थापना की योजना बना रहा है।


हरिद्वार और पंतनगर के बाद सिडकुल द्वारा विकसित की गई यह तीसरा बड़ा औद्योगिक परिसर होगा। सिडकुल औद्योगिकरण के लिए राज्य सरकार की नोडल एजेंसी है। सरकार का अनुमान है कि नए औद्योगिक परिसर से करीब 5,000 करोड़ रुपये के निवेश को जुटाया जा सकेगा।


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परियोजना के लिए शुरुआती विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। नए औद्योगिक परिसर को कुल 530 एकड़ जमीन पर बसाया जाएगा। इसमें से 65 प्रतिशत जमीन बिक्री के लिए मौजूद होगी। एस्कॉर्ट फार्म के प्रस्तावित औद्योगिक परिसर में करीब 145 औद्योगिक प्लॉट होंगे। इनमें से कम से कम 79 प्लॉट एक एकड़ के होंगे, 29 प्लॉट 4 एकड़ के और शेष अलग-अलग आकार के होंगे। परिसर में प्लॉट 0.63 एकड़ से लेकर 12.35 एकड़ तक के होंगे।


एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि ‘ अपने पिछले अनुभवों के मद्देनजर इस बार हम किसी सलाहकार की मदद नहीं ले रहे हैं।’ उत्तराखंड में कर छूट की सीमा 31 मार्च 2010 को खत्म हो रही है। इसलिए राज्य सरकार इस प्लॉटों का जल्द से जल्द आवंटन करना चाहती है।


मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूडी हालांकि राज्य के लिए कर छूट की सीमा को अगले तीन वर्षो के लिए बढ़ाना चाहते हैं लेकिन एस्कॉर्ट के सूत्रों का कहना है कि कर छूट की अवधि समाप्त होने तक यह राज्य का अंतिम औद्योगिक परिसर हो सकता है।


इससे पहले डिवेलपर्स पर मुख्य समझौते से पहले ही प्लॉटों के आवंटन का आरोप लगने के बाद  एल्डिको द्वारा विकसित सितारपुर औद्योगिक परिसर विवादों में आ गया था। इसलिए सलाहकार और डिवेलपर्स की भूमिका को सीमित किया जा रहा है।इस विवाद और दो जांच आयोग की स्थापना के बाद सरकार मैदानी इलाकों में औद्योगिकरण से दूरी बना रही है।


एस्कॉर्ट फर्म के मामले में सिडकुल के पास ढांचागत सुविधा के विकास के लिए दो विकल्प हैं। अधिकारी ने कहा कि ‘सरकार  परिसर के लिए ढांचागत सुविधाओं का विकास खुद कर सकती हैं या पीडब्ल्यूडी और जल संस्थान जैसी सरकारी एजेंसियों को ठेका दिया जा सकता है।’


उत्तराखंड सरकार द्वारा 2006 में निवासियों से जमीन वापस लेने के बाद से ही एस्कॉर्ट फर्म विवादों में रहा है। इस फैसले पर कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था हालांकि बाद में सरकार 600 एकड़ जमीन को खाली कराने में सफल रही जिसपर औद्योगिक परिसर बनाया जाएगा।

First Published - April 10, 2008 | 10:33 PM IST

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