भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के भिलाई संयंत्र के कर्मचारियों को कुछ ‘नक्सली’ शुभचिंतक मिल गए हैं जिन्होंने कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रबंधन को धमकी दी है।
खबर है कि संयंत्र के कुछ अज्ञात कर्मचारियों ने नक्सलियों के नाम पर सेल के शीर्ष अधिकारियों को धमकी दी है कि अगर प्रबंधन उनके वेतन में जारी विसंगतियों को दूर नहीं कर सका तो उन्हें इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
भिलाई इस्पात संयंत्र के औद्योगिक संबंध विभाग को शुक्रवार को संयंत्र में हाथ से लिए तीन पोस्टर मिले हैं।
इन पोस्टर को देखकर लगता है कि जैसे इन्हें नक्सलियों ने संयंत्र में चिपकाया हो। पोस्टर के अंत में लाल सलाम लिखा है जो नक्सल विद्रोहियों का मुख्य नारा है।
औद्योगिक संबंध विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पत्र नीली स्याही से लिखा गया है और इसमें सेल के शीर्ष चार अधिकारियों को धमकी दी गई है कि यदि वेतन में जारी विसंगतियों को जल्द से जल्द दूर नहीं किया गया तो इसके खतरनाक नतीजे सामने आएंगे।
उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में लगता है कि कंपनी के किसी कर्मचारी ने ही नक्सलियों के नाम से पोस्टर बनाकर चिपकाया है। पत्र में यह आरोप भी लगाया गया है कि सेल के अधिकारी कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। यह पत्र किसी भी नक्सल संगठन के लेटरहेड पर नहीं लिखा गया है।
अधिकारियों के मुताबिक संयोगवश यह पत्र ऐसे समय में आया है जब कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियों पर विचार करने के लिए गठित एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक को टाल दिया गया है। यह बैठक नई दिल्ली में होनी थी लेकिन अब इसे एक महीने के लिए टाल दिया गया है।
भिलाई संयंत्र के अधिकारियों का मानना है कि पोस्टर का नक्सलियों से कोई संबंध नहीं है। औद्योगिक संबंध विभाग ने पोस्टर को जब्त कर आगे की जांच के लिए केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंप दिया है।
सीआईएसएफ के कमांडेंट जरनैल सिंह ने बताया कि ‘सीआईएसएफ ने मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है।’ उन्होंने बताया कि इस बात की जांच भी की जा रही है कि कहीं यह किसी कर्मचारी की शरारत तो नहीं थी।