दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की वापसी की शुरुआत उत्तर पश्चिम के इलाकों से अगले 3 दिन में शुरू हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग ने आज कहा कि जून में मॉनसून की शुरू हुई 4 माह की यात्रा की समाप्ति के संकेत मिलने लगे हैं।
हालांकि वापसी अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है, लेकिन तत्काल बारिश कम होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि विदर्भ, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में 21 और 22 सितंबर को और ओडिशा, उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और पश्चिम बंगाल के गंगा वाले इलाकों में 19 से 21 सितंबर तक बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा है, ‘उत्तर पश्चिमी भारत में निचले क्षोभ मंडलीय स्तरों पर चक्रवात विरोधी प्रवाह होने से अगले 5 दिन के दौरान पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में शुष्क मौसम की संभावना है। इसलिए अगले 3 दिन में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की वापसी के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं।’
कुछ साल पहले तक दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की वापसी की यात्रा 1 सितंबर से शुरू होती थी। बाद में मौसम विभाग ने मॉनसून की वापसी की तारीखों को देखते हुए इसे बदलकर 17 सितंबर कर दिया था। कुछ सप्ताह पहले मौसम विभाग ने कहा था कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून 1 सितंबर से राजस्थान के इलाकों से वापसी शुरू करेगा। इसे बाद में अद्यतन किया गया, क्योंकि मौसम ने करवट ली और संकेत मिले कि जल्द बारिश खत्म होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने अपने हाल के अनुमान में कहा है कि देश में कुल मिलाकर मॉनसूनी बारिश दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 109 प्रतिशत रहने की संभावना है। सितंबर के लिए दीर्घावधि औसत 167.9 मिलीमीटर है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘संशोधित शुरुआत व वापसी की तिथियों के मुताबिक मॉनसून 1 सितंबर की पहले की वापसी की तिथि के बजाय अब 17 सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से वापसी शुरू कर सकता है। यह वापसी की तिथि से 7 दिन पहले या बाद की सीमा के भीतर है। इसलिए अगर 17 सितंबर के कुछ दिन बाद भी वापसी शुरू होती है तो यह तय सीमा के भीतर होगी।’
उन्होंने कहा कि देश के ज्यादातर इलाके में सितंबर के पहले पखवाड़े में बारिश सामान्य से ऊपर रही है, जो मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक है। मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट के मेट्रोलॉजी व जलवायु परिवर्तन के उपाध्यक्ष महेश पालावत ने कहा कि चक्रवात विरोधी स्थितियां अगले 2-3 दिन में पश्चिम राजस्थान के ऊपर विकसित होने की संभावना है, जो दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की वापसी का संकेत हो सकता है। बंगाल की खाड़ी में नया मॉनसून विकसित हो रहा है, लेकिन यह भी उत्तरी मध्य प्रदेश से वापसी शुरू कर देगा। यह राजस्थान तक नहीं पहुंच पाएगा, जैसा कि हाल में कम दबाव वाले इलाकों में हुआ था।
पालावत ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘वापसी अगले 2-3 दिन में शुरू होने की उम्मीद है और हाल के पैटर्न के मुताबिक देखें तो इसमें देरी नहीं हुई है।’मॉनसून की वापसी में देरी से रबी की फसल के लिए मिट्टी में बेहतर नमी मिल सकेगी, लेकिन इसकी वजह से खरीफ की खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है और फसल कटाई के पहले कीटों का प्रकोप हो सकता है।
