अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क निदेशालय (डीआईसी) खाद्य, औषधियों और कृषि व्यापार के शीघ्र आयात-निर्यात के लिए कार्य कर रहा है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत डीआईसी अधिकृत आर्थिक संचालन (एईओ) मसौदे के तहत खाद्य, औषधियों और कृषि व्यापार के लिए उत्तरदायी नियामकीय एजेंसियों के साथ इनकी सुरक्षा, गुणवत्ता और कानून पालने को त्वरित ढंग से लागू करने पर कार्य कर रहा है।
भारत अपनी तरफ से एईओ मसौदे के तहत पारस्परिक मान्यता समझौते (एमआरए) वाले देशों को सुविधा मुहैया करवाएगा। इससे इन देशों में शामिल अमेरिका से व्यापार को भी फायदा मिलने की उम्मीद है। भारत ने व्यापार में अड़चन आने की स्थिति में कार्गो क्लीयरेंस, जांच स्थल कम करने और प्राथमिकता देने के लिए ऐसी ही समझौते दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, हॉन्गकॉन्ग, जापान, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ किए हैं।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने विश्व सीमा शुल्क संगठन के ‘सेफ’ मसौदे के तहत एईओ कार्यक्रम को लागू किया है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि डीआईसी नियामकीय निकायों से एआईओ प्रमाणित कारोबार के आयात-निर्यात की त्वरित स्वीकृति के अलावा सीमा शुल्क के शीघ्र क्लीयरेंस के लिए प्रयासरत है।
इन नियामकीय एजेंसियों में भारतीय खाद्य संरक्षा व मानक प्राधिकरण; केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन; पौध संरक्षण, संगरोध (क्वारंटाइन) व भंडारण निदेशालय और पशु संगरोध और प्रमाणीकरण सेवाएं शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया, ‘यह भारत सरकार की घरेलू पहल है और यह एमआरए से अलग है। इसके एक बार लागू होने की स्थिति में एईओ प्रमाणित आयातक व निर्यातक को सीमा शुल्क के अलावा साझेदार एजेंसियों से त्वरित स्वीकृति मिलने का फायदा मिलेगा। इससे संबंधित व्यापारियों को को त्वरित ढंग से समुचित क्लीयरेंस, विश्वास आधारित क्लीयरेंस प्रणाली मिलेगी।’