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बाढ़ के बाद पटरी पर लौटने लगे बाजार

Last Updated- December 08, 2022 | 8:43 AM IST

कोसी नदी में बाढ़ के बाद उस इलाके का कारोबार अब सामान्य होने को है। हालांकि अभी भी कुछ बाजारों से सड़क संपर्क  टूट जाने की वजह से तमाम दिक्कतें आ रही हैं और कारोबार प्रभावित हुआ है।


वहीं बाढ़ का पानी जमा होने से गांव से खरीदारों को बाजार पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। कुसहा तटबंध के सबसे निकट, बीरपुर बाजार सर्वाधिक प्रभावित हुआ था, जहां पहले देश विदेश के विभिन्न उत्पाद मिलते थे। अब बीरपुर में स्थिति सामान्य हो रही है।

कारोबारी अपने नुकसान का आकलन लगाने और कारोबार को फिर से संवारने में जुट गए हैं। सुपौल के एक थोक कारोबारी और उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी तपेश्वर मिश्र ने कहा कि अब धीरे धीरे व्यापारी खरीदारी के लिए आने लगे हैं। फारबिसगंज, छातापुर, प्रतापगंज आदि छोटे बाजारों के कारोबारी आ रहे हैं।

हालांकि लोग कम खरीद कर रहे हैं, जिसके चलते कारोबार में 20 प्रतिशत की कमी आई है। सुपौल के जिलाधिकारी सरवन कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि बीरपुर बाजार को पहले अस्थायी सड़क से जोड़ा गया था,

लेकिन अब वहां जाने वाले मुख्य मार्ग की भी मरम्मत कर ली गई है, जिससे भारी वाहन भी पहुंचने लगे हैं। अब वहां पर आवागमन की सुविधा दुरुस्त कर दी गई है।

वहीं त्रिवेणीगंज बाजार में कारोबार तो चल रहा है, लेकिन मधेपुरा के मुख्य बाजार मुरलीगंज और बिहारीगंज से इस बाजार का सड़क संपर्क नहीं हो पाया है। मुरलीगंज में कारोबार इस समय केवल पूर्णिया की ओर से ही हो रहा है।

वहां के स्थानीय निवासी मनोज ने बताया कि बाजार में काम तो चल रहा है, लेकिन बाढ़ की त्रासदी के बाद अभी खरीदारी पर स्वाभाविक असर पड़ा है।

साथ ही सहरसा के उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने इस बात के लिए सरकार की प्रशंसा की कि बाढ़ के पानी के दबाव के बावजूद सरहसा के जिलाधिकारी ने कोशिशें कर सहरसा-महेशकूट मुख्य राजमार्ग को टूटने नहीं दिया, जिसके चलते बाढ़ के दौरान और उसके बाद भी सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिला मुख्यालयों का बाजार से हमेशा संपर्क बना रहा।

कारोबार तो स्वाभाविक रूप से कम हुआ, लेकिन कभी भी जिंसों की कमी नहीं हुई और महंगाई पर पूरी तरह से लगाम लगी रही। इस समय संपर्क मार्गों को सही करने की पूरी कोशिश की जा रही है। संपर्क बहाल होने के साथ-साथ स्थितियां सामान्य होने की ओर बढ़ रही हैं।

ध्यातव्य है कि बाढ़ से प्रभावित बीरपुर बाजार में प्रतिदिन 50 लाख से ज्यादा का कारोबार होता था, जो अब अपनी लय खो चुका है। इसके अलावा बिहारीगंज, मुरलीगंज बाजार में भी प्रतिदिन करीब 80 लाख रुपये का कारोबार होता है।

इन बाजारों में बाढ़ के चलते आई सुस्ती की वजह से जिला मुख्यालयों से होने वाला कारोबार भी प्रभावित हुआ है।

कोसी नदी के नए रास्ते में नेपाल के कुसहा से गंगा नदी में मिलने के बीच क्रमश: भीमनगर, बीरपुर, बलुआ बाजार, छातापुर, फारबिसगंज, रानीगंज, नरपतगंज, जदिया बाजार, त्रिवेणीगंज, रामनगर, कुमारखंड, मीरगंज, मुरलीगंज, ग्वालपाड़ा, बिहारीगंज, जीतपुर, आलमनगर, पुरैनी, चौसा, पतरघट, कांप, सौरबाजार, सोनबरसा राज, बेल्दौर आदि चपेट में आए हैं।

प्रशासन की पहली कोशिश है कि इन बाजारों से गांवों के संपर्क मार्ग  और मुख्य बाजारों से छोटे बाजारों के संपर्क मार्ग को जोड़कर स्थिति ठीक की जाए।

First Published - December 11, 2008 | 8:42 PM IST

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