मध्य प्रदेश में डकैतों के लिए बदनाम चंबल क्षेत्र इस माह से भारत की नवरत्न कंपनी भेल के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा की शुरुआत कर सकता है।
राज्य सरकार निवेशकों को आकर्षित करने की परियोजना ‘डेस्टीनेशन मध्य प्रदेश’ की अगली कड़ी का आयोजन ग्वालियर में 29 और 30 जुलाई को कर रही है। इस दौरान सरकार बिजली का सामान बनाने वाली बड़ी इकाइयों को आकर्षित करने के लिए प्रमुख सलाहकार संस्था इंन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएफएस) के साथ 20,000 करोड़ रुपये के एक करारनामे पर दस्तखत करेगी।
राज्य में कई बड़ी कंपनियों ने ताप बिजली इकाइयां लगाने के प्रस्तव रखे हैं। इन इकाइयों से 2012 तक कम के कम 9,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पैदा होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में इन इकाइयों को भेल के अलावा कोई दूसरी कंपनी राज्य से टर्बाइन आदि की आपूर्ति के लिए उपलब्ध नहीं है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक आधुनिकीकरण के इस दौर में राज्यों में बिजली की मांग काफी अधिक है।
मध्य प्रदेश में पिछले साल खजुराहो में निवेशकों के सम्मेलन में लगभग 23 कंपनियों ने 11,000 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की परियोजनाओं के लिए करारनामे पर दस्तखत किए थे। इन कंपनियों के बिजली का सामान और संयंत्रों की आपूर्ति के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों की जरुरत है। आईएलएफएस के साथ राज्य सरकार ग्वालियर में एक करारनामे पर हस्ताक्षर करेगी ताकि इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को जल्द से जल्द सलाह मिल सके और निजी क्षेत्र की कंपनियां राज्य में बड़ी विद्युत उत्पादन इकाइयों को उपकरणों की आपूर्ति कर सके।
समझौते का मसौदा जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा। विद्युत उपकरणों और संयंत्रों के अतिरिक्त इस निवेशक सम्मेलन में हीरो समूह के पंकज मुंजाल वायुयानों के रखरखाव और सर्विसिंग के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये के एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि भोपाल के पास रायसेन जिले में लगभग 500 एकड़ जमीन पर हीरो समूह अपनी इकाई स्थापित करने का इच्छुक है।
इससे पहले एक अन्य कंपनी ने वायुयानों के रखरखाव व सर्विसिंग के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था। ग्वालियर के निवेशक सम्मेलन में सांघी समूह मुरैना में एक सीमेंट संयंत्र लगाने के लिए 600 करोड़ रुपये के एक करारनामे पर हस्ताक्षर कर सकता है। साथ ही एक अन्य कंपनी प्रेमांचल ब्रेवरीज ने भी एक नया शराब संयत्र लगाने के लिए 100 करोड़ रुपये के करारनामे पर हस्ताक्षर करने की इच्छा जताई है। राज्य के आला अधिकारी और उद्योग मंत्री इस सम्मेलन में मुकेश अंबानी, रतन टाटा और आदि गोदरेज को लाने की कवायद में जुटे हैं।