अगस्त महीने में शुद्ध वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पिछले महीने के 1.65 लाख करोड़ रुपये से 9.2 प्रतिशत घटकर 1.5 लाख करोड़ रुपये रह गया है। खासकर रिफंड बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है।
सरकार की ओर से रविवार को जारी अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक शुद्ध प्राप्तियां पिछले साल की तुलना में 6.5 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि जुलाई में 14.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। सकल संग्रह (रिफंड समायोजन के पहले) में भी 10 प्रतिशत की कमी आई है और यह 1.75 लाख करोड़ रुपये रहा है। जुलाई महीने में सकल राजस्व 1.82 लाख करोड़ रुपये था।
जुलाई और अगस्त 2023 में सकल संग्रह क्रमशः 1.66 लाख करोड़ रुपये और 1.59 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष 2025 में अब तक कुल जीएसटी संग्रह 10.1 प्रतिशत बढ़कर 9.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 8.29 लाख करोड़ रुपये था।
अगस्त के आंकड़ों में जुलाई महीने में हुई लेनदेन (वस्तुओं और सेवाओं की) का पता चलता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रिफंड की वजह से शुद्ध जीएसटी राजस्व में गिरावट के बावजूद सकल जीएसटी संग्रह में लगातार हो रही बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था में तेजी का पता चलता है।
ईवाई में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘आयात घटने और निर्यात बढ़ने की वजह से हुई आत्मनिर्भरता साफ नजर आ रही है।’अगस्त में आयात में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह घरेलू राजस्व से अधिक है जो 9.2 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हुआ है।
साथ ही घरेलू और निर्यात दोनों क्षेत्रों में जारी किया गया रिफंड अधिक रहा है, जिसकी वजह से अगस्त में प्राप्तियों पर असर पड़ा।
इस माह के दौरान रिफंड की राशि 24,460 करोड़ रुपये रही है, जिसमें एक साल पहले की तुलना में 38 प्रतिशत वृद्धि हुई है। जुलाई महीने में रिफंड 34 प्रतिशत घटा था। केपीएमजी में पार्टनर और अप्रत्यक्ष कर के प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा, ‘अब जीएसटी संग्रह 1.75 लाख करोड़ रुपये के आसपास स्थिर हो गया लगता है। अगले कुछ महीनों में त्योहारों के कारण कर संग्रह में और तेजी आएगी। साथ ही यह भी उत्साहजनक है कि इस महीने में जीएसटी रिफंड में तेजी आई है।’
विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी की वजह जीएसटी संबंधी जांच और ऑडिट बढ़ना है, जिसकी वजह से सामान्यतया अनुपालन बढ़ता है और इसकी वजह से कर संग्रह बढ़ता है।
डेलॉयट में पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘इससे भरोसा बढ़ा है कि इस साल भी कर संग्रह का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।’संदेहास्पद या फर्जी जीएसटीआईएन को चिह्नित करने के लिए जीएसटी अधिकारियों ने 16 अगस्त से 15 अक्टूबर के बीच देशव्यापी अभियान चलाया था, जिससे फर्जी रजिस्ट्रेशन पर लगाम लग सके और अनुपालन में सुधार हो।