सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ मेडीसिनल एंड ऐरोमैटिक प्लांट (सीमैप) ने हाल में बाराबंकी के देवा शरीफ इलाके की 50 महिलाओं को सुगधिंत बत्ती और गुलाब जल बनाने की प्रशिक्षण दिया है।
सीमैप का बायोटेक्नोलॉजी विभाग धार्मिक स्थलों में सुगंधित बत्ती, अगरबत्ती और गुलाब जल को बनाकर बेचने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। इस प्रशिक्षण को प्राप्त करके लोग आसानी से अपनी जीविका कमा सकते है। विश्व प्रसिद्व सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की देवाशरीफ स्थित दरगाह हिन्दू और मुस्लिमों के लिए समान महत्व रखती है।
सीमैप के निदेशक एसपीएस खानूजा का कहना है कि इस कार्यक्रम से महिलाएं आसानी से घर बैठे रोजगार तो कर ही सकेंगी, इसके अलावा पूजा-पाठ के लिए भारी मात्रा में तोड़े गए फूलों का उचित प्रयोग भी किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी दुनिया में अभी प्राकृतिक और हर्बल उत्पादों की भारी मांग है। इसलिए महिलाओं को अपने उत्पादों को बेचने में खासी मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।