भारत के शीर्ष स्टार्टअप संस्थापकों ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई बैठक में देश के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से विभिन्न अवसरों और मुद्दों पर चर्चा की। प्रमुख प्रस्तावों में कुशल वैश्विक तकनीकी प्रतिभा को वापस लाने, सरकार के फंड ऑफ फंड्स के प्रभाव को बढ़ाने और डीपटेक नवाचार को बढ़ावा देने के प्रयास शामिल थे।
संस्थापकों ने उद्यमियों के नेतृत्व में एक पूल्ड कैपिटल व्हीकल के निर्माण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने आकार की तुलना में दक्षता और गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान देने तथा व्यापार संचालन को आसान बनाने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया, जिसमें विदेशों से कंपनियों को भारत वापस लाने की प्रक्रिया भी शामिल है।
कुछ अन्य प्रस्ताव के तहत विलय को आसान बनाने एवं कंपनियों के विभाजन की प्रक्रिया सरल बनाने, स्टार्टअप का दायरा छोटे शहरों तक बढ़ाने, वैश्विक विस्तार के लिए सरकारी समर्थन बढ़ाने और पारिस्थितिकी तंत्र में ज्यादा निवेश आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मुख्य लक्ष्य भारत को एक प्रमुख वैश्विक नवाचार केंद्र बनाना है। 24 अप्रैल को स्टार्टअप पॉलिसी फोरम (एसपीएफ) ने 20 से अधिक प्रमुख सदस्यों की उपस्थिति में गोयल के साथ भारत मंडपम में एक उच्चस्तरीय फाउंडर्स राउंडटेबल की मेजबानी की। इस कार्यक्रम का आयोजन एसपीएफ की प्रमुख पहल ‘स्टार्टअप बैठक’ के तहत किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के स्टार्टअप विकास की कहानी के नए अध्याय की रूपरेखा तैयार करना था।
हॉस्पिटैलिटी टेक्नोलॉजी फर्म ओयो के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी रितेश अग्रवाल ने कहा, ‘स्टार्टअप पॉलिसी फोरम के संस्थापक और सदस्य के रूप में, मैं इस महत्वपूर्ण प्रश्न पर प्रकाश डालना चाहता हूं कि हम भारत में विश्व स्तरीय प्रतिभाओं को कैसे आकर्षित और बनाए रख सकते हैं? किसी भी स्टार्टअप या उद्योग के फलने-फूलने के लिए तीन चीजें महत्वपूर्ण हैं- प्रतिभा, प्रतिभा और प्रतिभा।’
ऑटो टेक सॉल्युशन फर्म कारदेखो के सीईओ एवं सह-संस्थापक अमित जैन ने कहा कि गोयल ने उठाए गए सभी मुद्दों पर मजबूती से ध्यान दिया। चर्चा के 20 प्रमुख बिंदुओं को संबोधित किया और विभिन्न उद्योगों में उन्हें प्रभावी ढंग से संक्षेप में पेश किया। कार्यक्रम में शामिल हुए ट्रैवल टेक फर्म इग्जिगो के प्रबंध निदेशक एवं समूह सीईओ आलोक बाजपेयी ने कहा कि गोयल ने सभी सुझावों को सुना और बताया कि वे इस पारिस्थितिकी तंत्र से क्या अपेक्षाएं रखते हैं तथा सरकार कारोबार को आसान बनाने और नए कोष के संदर्भ में क्या करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘सरकार की कई नई पहलों से अवगत होकर हम वाकई बेहद उत्साहित थे।’