भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने हिमाचल प्रदेश के बजट में राजस्व घाटे के बढ़कर 25 प्रतिशत से अधिक होने पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे राज्य के सामने कर्ज के जाल में फंसने का संकट गहरा गया है।
सीआईआई हिमाचल प्रदेश राज्य परिषद के अध्यक्ष राजेन्द्र गुलेरिया ने हालांकि इस साल के बजट को व्यापक, संतुलित और समाज के सभी तबकों को ध्यान में रखकर बनाया गया बताया है।
उद्योग संघ ने पांच मेगावाट से बड़ी सभी परियोजनाओं को प्रतिस्पर्धी बोली के जरिए आवंटित करने और विभाग को मजबूत करने के लिए अलग से महानिदेशालय की स्थापना करने के फैसलों का भी स्वागत किया है।
गुलेरिया ने कहा है कि इस फैसले से राज्य में बिजली की स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी और इससे उद्योगों को भी फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बजट सही दिशा में है। इसमें समुचित मूल्य समझौता और करार खेती को बढ़ावा देकर किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
बजट में लिए गए फैसलों से किसानों को बाजार की जानकारी, प्रौद्योगिकी इनपुट, बेहतर बीज और मूल्यवान फसलों की खेती संबंधी जानकारी हासिल हो सकेगी।
शिक्षा के बारे में गुलेरिया ने शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाकर युवकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया है। इसके लिए शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला प्रयोगशाला और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब की स्थापना करने का फैसला बेहद अच्छा है। इससे बीपीओ उद्योग के लिए कुशल कर्मचारियों की मांग पूरी हो सकेगी।
अधिक से अधिक आईटी उद्योग को आकर्षित करने के लिए सीआईआई ने प्रतिस्पर्धी बोलियों के जरिए आईटी पार्क और टाउनशिन की स्थापना करने की तारीफ की है।
पर्यटन के बारे में उन्होंने पंचकर्म जैसे उच्च गुणवत्ता वाले पर्यटन को बढ़ावा देने को अच्छा कदम बताया है।
इसके अलावा गुलेरिया ने ढांचागत परियोजनाओं, तकनीकी शिक्षा, होटलों के निर्माण, रोपवे और तीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की तारीफ की है।