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उप्र: कोविड सामग्री पर जीएसटी कम हो

Last Updated- December 12, 2022 | 3:52 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार कोविड-19 महामारी की रोकथाम से संबंधित आवश्यक सामग्री पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने के पक्ष में है। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार से कर संग्रह कोविड-19 महामारी से पहले की स्थिति में लौट आएगा। खन्ना ने बुधवार को कहा कि राज्य इस महामारी की किसी संभावित तीसरी लहर से निपटने की पूरी तैयारी में जुटा है। उन्होंने कहा कि महामारी से लडऩे के लिए आवश्यक संसाधन एकत्र करने के वास्ते राज्य सरकार कर नहीं बढ़ाएगी। खन्ना ने संवाददाताओं के साथ ऑनलाइन बातचीत में कहा, ‘विशेषज्ञों ने जैसे ही इस महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका जताई राज्य सरकार उसी समय से तैयारी में जुट गई। राज्य सरकार ने 50 पृथकवास और 50 आईसीयू बेड के लिए इंतजाम शुरू कर दिया। राज्य सरकारों ने लोगों को भी प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है।’
खन्ना के पास स्वास्थ्य शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार भी है। उन्होंने कहा, ‘हम कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। किसी ने दूसरी लहर आने की आशंका नहीं जताई थी, लेकिन अगर तीसरी कोई लहर आती है तो राज्य सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है।’ खन्ना ने कहा कि कोविड महामारी के असर से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मूल्य वद्र्धित कर (वैट) में इजाफा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पेट्रोल एवं डीजल पर वैट आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की तुलना में कम है।
उन्होंने कहा, ‘हम कर बढ़ाने के बजाय बुनियादी ढांचे में सुधार कर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने में अधिक विश्वास रखते हैं। जीएसटी परिषद जो भी निर्णय लेगी हम वह स्वीकार करेंगे।’ कोविड महामारी से राहत देने वाली सामग्री पर कर घटाने के बारे में पूछे जाने पर खन्ना ने कहा कि चूंकि, वह इस विषय पर मंत्रियों के समूह के सदस्य हैं इसलिए वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इन आवश्यक सामग्री पर कर कटौती के पक्ष में है।’ कोविड राहत सामग्री पर जीएसटी में कटौती पर गठित मंत्रियों के समूह को इसकी समीक्षा करने के लिए कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले ऑक्सीजन, पल्स मॉनिटर, हैंड सैनिटाइजर, ऑक्सीजन थेरेपी इक्विपमेंट जैसे कंसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन-95 और सर्जिकल मास्क आदि पर जीएसटी कम करने या इन्हें जीएसटी मुक्त रखने की जरूरत है या नहीं।
जीएसटी परिषद की बैठक के पास मंत्रियों के समूह की स्थापना की गई थी। यह बैठक 28 मई को हुई थी जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। मंत्रियों के समूह ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस पर विचार होगा। 28 मई को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में कोविड-19 से बचाव के टीकों और स्वास्थ्य सामग्री की आपूर्ति पर करें अपरिवर्तित रखी थी। इससे पहले भाजपा और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ गई थी कि करों में कटौती का लाभ आम आदमी तक पहुंच पाएगा या नहीं। कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल शासित राज्य सरकारें करों में कटौती की मांग कर रही हैं लेकिन केंद्र सरकार का मानना है कि इस कदम से लोगों को कोई खास फायदा नहीं मिल पाएगा। इस समय देश में तैयार टीकों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है जबकि कोविड की दवाओं और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत कर लगता है। (साथ में एजेंसियां)

First Published - June 9, 2021 | 11:09 PM IST

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