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निजीकरण की राह पर चले सरकारी होटल

Last Updated- December 07, 2022 | 9:01 PM IST

दो महीनों की लंबी जद्दो-जहद के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्था आईएफसीआई को पर्यटन विभाग के जरिए संचालित हो रहे होटलों, मोटलों और अन्य कारोबार को निजी क्षेत्र में सौंपे जाने के लिए सलाहकार नियुक्त किए जाने का फैसला किया है।


उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी साल जुलाई मे राज्य के पर्यटन विभाग के मार्फत संचालित हो रहे 50 होटलों और मोटलों को निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर चलाने का फैसला किया था और इसके मूल्यांकन का काम शुरु किया था।

राज्य सरकार ने पीपीपी के आधार पर इन होटलों और मोटलों को चलाने के लिए सलाहकार संस्था नियुक्त किए जाने का फैसला किया। सभी 77 पर्यटक गृहों, होटल और मोटल को निजी क्षेत्र में देने के फैसले के बाद जारी वैश्विक निविदा में पांच फर्मों ने भाग लिया जिसमें से दो की बोली को तकनीकी आधार पर निरस्त कर दिया गया।

प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में बनी एक समिति ने आईएफसीआई की दर को सबसे कम और कंपनी को तकनीकी रुप से सबसे सक्षम पाया। अब आईएफसीआई निजी क्षेत्र के सहभागियों की तलाश कर उनके प्रस्ताव होटलों और मोटलों को चलाने के लिए देगी। राज्य सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी कर्मचारी की छंटनी नही होगी और वह हाल के वेतन से कम नही पाएंगे।

First Published - September 14, 2008 | 10:25 PM IST

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