हॉलीवुड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के नोएडा में बनने वाली फिल्म सिटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिलने के बाद अब इसके निर्माण के लिए जल्दी ही वैश्विक निविदा आमंत्रित की जाएगी। अगले साल के शुरुआत में इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। तीन चरणों में विकसित की जाने वाली इस फिल्म सिटी के निर्माण पर 6,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बीते दिनों यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-21 में पीपीपी मॉडल पर बनाई जाने वाली फिल्म सिटी की डीपीआर पर शासन ने मुहर लगा दी है। अब डीपीआर बनाने वाली कंपनी तीन सप्ताह में निविदा दस्तावेज तैयार करेगी जिसके बाद वैश्विक निविदा जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया में देश और विदेशी की कंपनियां भी हिस्सा ले सकेंगी। दो महीने के भीतर ही फिल्म सिटी का निर्माण करने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। तीन चरणों में विकसित होने वाली फिल्म सिटी का निर्माण करने वाली कंपनी का चयन 31 दिसंबर तक किया जाएगा। फिल्म सिटी का निर्माण करने वाली कंपनी के साथ 40 साल का अनुबंध होगा। कंपनी को लीज के बजाय लाइसेंस दिया जाएगा।
उनका कहना है कि फिल्म सिटी के पहले चरण में फिल्म स्टूडियो, खुला एरिया, ए यूजमेंट पार्क, विला आदि तैयार किए जाएंगे। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि पहले ही चरण में फिल्म शूटिंग से जुड़ा 80 फीसदी हिस्सा तैयार कर लिया जाएगा। उसके बाद हॉस्पिलिटी, रिजॉर्ट व अन्य व्यापारिक गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में रिटेल डेवलपमेंट होगा। यमुना सिटी में 6,000 करोड़ रुपये की लागत से 1,000 एकड़ में फिल्म सिटी तैयार होगी। इस फिल्म सिटी में करीब 15,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
अधिकारियों का कहना है कि इस फिल्म सिटी का एक बड़ा हिस्सा डिजिटल टेक्नोलॉजी से जुड़ा होगा। फिल्मों में डिजिटल माध्यमों के बढ़ते चलन के कारण इस फिल्म सिटी को इन्फोटेनमेंट सिटी कहा जाएगा। राज्य की इस पहली फिल्म सिटी में सीरियल व फिल्मों की शूटिंग के विशेष स्टूडियो, एनिमेशन, वेब सीरीज, कार्टून फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, डिजिटल मीडिया आदि के लिए सभी जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी। फिल्म प्रोडक्शन स्टूडियो, आउटडोर लोकेशन, स्पेशल इफेक्ट स्टूडियो, होटल, क्लब हाउस, गांव, वर्कशॉप, टूरिस्ट ऐंड एंटरटेनमेंट, शॉपिंग कांप्लेक्स, फूड कोर्ट, एम्यूजमेंट पार्क, कन्वेंशन सेंटर व पार्किंग भी फिल्म सिटी में बनेंगे।
डीपीआर में इस बात का उल्लेख किया किया गया है कि किस वित्तीय मॉडल पर फिल्म सिटी को बनाया जाए। इसके लिए फंड की व्यवस्था का फार्मूला क्या होगा? फिल्म सिटी के प्रथम चरण, दूसरे चरण व तीसरे के निर्माण पर आने वाले खर्च का पूरा व निर्माण समय सीमा का विस्तृत ब्यौरा भी डीपीआर में है। फिल्म सिटी के संचालन, रखरखाव तथा फिल्म सिटी से आमदनी व रोजगार का हिसाब भी डीपीआर में बताया गया है। फिल्म सिटी को पर्यटन स्थल की रूप में कैसे विकसित किया जाए इसका भी डीपीआर में उल्लेख है।
नोएडा फिल्म सिटी में जहां थ्री डी स्टूडियो व 360 डिग्री पर घूमने वाले सेट होंगे वहीं साउंड रिकॉर्डिंग, एडिटिंग व एनिमेशन के लिए स्टूडियो भी बनेंगे। फिल्म सिटी में एक फिल्म विश्वविद्यालय भी बनेगा जहां स्टूडेंट फिल्म निर्माण की आधुनिक तकनीकों की शिक्षा पा सकेंगे। यहां पर फिल्मों से जुड़े विषयों पर शोध भी होगा। विज्ञापन फिल्मों को बनाने की तकनीक बताई जाएगी। फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष स्टूडियो बनाए जाएंगे। फिल्म शूटिंग के लिए बनाए जाने वाले इन्फ्रस्ट्रक्चर को इस तरह से बनाया जाएगा, ताकि लोग इसे देखने आ सकें। यहां पर कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनेगा जहां फिल्म से जुड़ी हुई सारी सुविधाएं मिलेंगी। फिल्म से जुड़े लोग एक छत के नीचे जरूरत की सभी सुविधाएं पा सकेंगे। इस फिल्म सिटी में शूटिंग के लिए आने वाले कलाकारों सहित अन्य स्टाफ के लिए सितारा होटलों के साथ ही लग्जरी रिजॉर्ट और एम्यूजमेंट पार्क भी बनाया जाएगा।
