राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि शहर के नए औद्योगिक क्षेत्रों में विनिर्माण इकाई को अनुमति नहीं दी जाएगी और वहां केवल सेवा तथा अत्याधुनिक तकनीक वाले (हाईटेक ) उद्योगों की इजाजत होगी।
केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र ने दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में उद्योग की परिभाषा बदलकर दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली मौजूदा विनिर्माण इकाइयों को सेवा या हाईटेक उद्योग में परिवर्तन का विकल्प दिया जाएगा। हालांकि, एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मौजूदा विनिर्माण इकाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और उन्हें परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पराली पर विवाद
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पराली जलाए जाने के मुद्दे पर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है, लेकिन विपक्षी दल इसे मानने को तैयार नहीं और इन दलोंं का कहना है कि इसकी हिस्सेदारी महज चार से छह प्रतिशत तक है।