महामारी के दौर में ऑक्सीजन को लेकर मची मारामारी के बीच बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र ने उत्तर प्रदेश में उत्पादन इकाई लगाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। बीते एक सप्ताह में ही उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र की ओर से ऑक्सीजन उत्पादन इकाई के लिए 54 प्रस्ताव मिले हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी प्रस्ताव पर तुरंत फैसला लेते हुए ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की कारवाई शुरू कर देने को कहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर होती जा रही है। ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है। अभी 64 टैंकर इसी कार्य में लगाए गए हैं। इसके अलावा, 20 टैंकर विभिन्न जिलों में सीधे अस्पतालों को आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस रहें। उनकी लाइव मॉनीटरिंग की जाए। ऑक्सीजन ऑडिट का काम तेजी से किया जाए।
योगी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में 32 ऑक्सीजन संयंत्र पहले से ही स्थापित हैं। अब 39 और अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के लिए ऑर्डर कर दिए गए हैं। पीएम केयर्स के तहत केंद्र सरकार द्वारा स्थापित कराए जाने वाले ऑक्सीजन संयंत्र के संबंध में प्रस्ताव मंगलवार को ही भेज दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि लगातार प्रयासों से अब लखनऊ, कानपुर, बरेली, वाराणसी, गोरखपुर परिक्षेत्रों में ऑक्सीजन की मांग-आपूर्ति और वितरण की स्थिति में संतुलन है। इसे और बेहतर किए जाने की जरूरत है। साथ ही आगरा, मथुरा और अलीगढ़ क्षेत्रों में प्रभावी इंतजाम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र की ओर से 54 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना की कार्यवाही तेज की जाए। हर मेडिकल कॉलेज में एक तरल ऑक्सीजन संयंत्र और एक एयर सेपरेटर संयंत्र स्थापित करने की कार्यवाही हो। इसके अलावा 100 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करें। प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर छोटे ऑक्सीजन जेनरेशन संयंत्र लगाए जाएंगे।
उधर उत्तर प्रदेश में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन संक्रमण का ग्राफ नीचे गया है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 32,993 कोरोना के नए मामले आए हैं जबकि 30,398 संक्रमण मुक्त हुए हैं।
