कोरोना महामारी से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) 1 अगस्त से घर-घर टीकाकरण की शुरुआत करेगी। राज्य सरकार ने अदालत में जानकारी दी कि 75 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों को घर पर ही टीका दिया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या स्थिर बनी हुई है। कोशिशों के बावजूद कोरोना मरीजों की संख्या कम न होने के कारण सरकार चिंतित है और टीकों की अधिक खुराक की मांग कर रही है।
महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि चलने में असमर्थ और बुजुर्गों को प्रायोगिक तौर पर 1 अगस्त से घर पर ही कोरोना का टीका लगाया जाएगा। अदालत ने इस पर कहा कि केंद्र सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए कदम नहीं उठाया। हालांकि, राज्य सरकार इस मुद्दे पर खड़ी हुई है और इस अंधेरी सुरंग के अंत में कुछ रोशनी दिखाई दे रही है। राज्य सरकार की ओर से मुख्य न्यायाधीश दीपंकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी के पीठ के समक्ष कहा गया कि घर-घर जाकर टीका लगाने की योजना पुणे में शुरू करने की योजना थी लेकिन मुंबई के लोगों की प्रतिक्रिया पर विचार करने पर इसमें बदलाव किया गया है। मुंबई में 3,505 शय्याग्रस्त या चलने-फिरने में अशक्त लोगों ने अपनी राय दी और बताया कि वे टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हैं।
इस योजना के प्रगति की रिपोर्ट 6 अगस्त तक अदालत में जमा की जानी है। अदालत ने कहा कि हमें उम्मीद और भरोसा है कि राज्य सरकार और बीएमसी योग्य शय्याग्रस्त और चलने-फिरने में अक्षम लोगों का टीकाकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। अदालत ने कहा कि घर में टीकाकरण अभियान के तहत उन शय्याग्रस्त और चलने-फिरने में अक्षम लोगों को भी शामिल किया जाए, जिन्होंने किसी तरह कोविड-19 टीके की पहली खुराक ले ली है। सरकार ने कहा कि वे उन लोगों को भी शामिल करेंगे और टीका मुफ्त होगा क्योंकि इस अभियान का संचालन सभी सरकारी और नगर निकाय के अस्पताल कर रहे हैं। अदालत दो वकीलों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और शय्याग्रस्त लोगों का टीकाकरण घर-घर जाकर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया था, क्योंकि वे टीकाकरण केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
मुंबई और आसपास के इलाकों में कोरोना टीकों की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। इस पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि आने वाले समय में महाराष्ट्र सरकार प्रतिदिन 10 लाख से लेकर 15 लाख तक टीकाकरण एक दिन में कर सकती है जिसके लिए टीका का उपलब्ध होना जरुरी है। वर्तमान समय में प्रति सप्ताह के हिसाब से राज्य को 10 लाख यानी प्रतिदिन के हिसाब से दो लाख तक टीका मिल रहा है। एक दिन के हिसाब से अगर अधिक टीका मिले तो टीकाकरण और तेज होगा। टोपे ने राज्य में कोरोना की ताजा स्थिति पर बयान देते हुए कहा है कि पिछले एक से डेढ़ महीने में कोरोना के जो राज्य भर से आंकड़े आ रहे हैं, वह लगभग सात हजार से नौ हजार पर स्थिर है। इसमें न तो किसी प्रकार की कमी आ रही है और न ही बढ़ोतरी हो रही है।