हरियाणा लोक निर्माण विभाग (इमारतें और सड़क) ने बोली लगाने वालों के बीच पारदर्शीता और प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित करने के लिए ई-टेंडरिंग को सफलतापूर्वक कार्यान्वित कर दिया है।
विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मानक पर खड़े उतरने और काम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभाग हर संभव कोशिश करेगी और इसी के मद्देनजर विभाग ने ई-टेंडरिंग शुरू की है।
उन्होंने बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी निर्माण कार्यों का निरंतर जांच-पड़ताल करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि नियंत्रण प्रणाली और जांच में सुधार लाने के लिए संभागीय स्तर पर कार्यकारी अभियंता को मुख्य अधिकारी बनाया गया है और उप-कार्यकारी अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता उनकी सहायता करेंगे।
संभागीय स्तर पर बनाई गई अभियंताओं के इस टीम पर निष्पादन की जिम्मेदारी होगी। यह टीम गुणवत्ता मानदंडों के आधार पर ही काम करेगी। इसके अलावा, साइट कर्मचारी आवश्यक गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षणों के लिए लागत सामग्री और तैयार उत्पादों की निगरानी करेंगे और एक उचित रिकार्ड भी रखेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि बड़े कार्यों के लिए ठेकेदारों द्वारा एक प्रयोगशाला की स्थापना की गई है जहां गुणवत्ता नियंत्रण की जांच पड़ताल की जाती है। जबकि छोटे कार्यों के लिए संभागीय स्तर पर छोटे प्रयोगशाला की स्थापना की गई है जिसका इस्तेमाल भी गुणवत्ता नियंत्रण जांच के लिए की जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया हिसार स्थित अनुसंधान प्रयोगशाला को उन्नत कर हरियाणा राज्य बिल्डिंग एवं रोड्स एकेडमी ऑफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग में तबदील कर दिया गया है।
सरकारी नियंत्रण वाली यह संस्थान एक स्वतंत्र गुणवत्ता नियंत्रण सलाहकार के रूप में लोक निर्माण विभाग को सेवाएं मुहैया कराती है। राज्य सरकार और विभाग द्वारा आवंटित किए गए कई प्रकार की जांच कार्यों की रिपोर्टें भी मुहैया कराती है।