झारखंड विधानसभा की तमाड़ सीट के लिए उपचुनाव के जरिए विधायक बनने का प्रयास कर रहे मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को आज शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा ।
जब झारखंड पार्टी के गोपाल कृष्ण पातर ने उन्हें करीब आठ हजार मतों से करारी मात दी।
इस परिणाम से एक बार फिर राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के हालात पैदा हो गए हैं। इस कारण खनिज बहुल झारखंड मेंर् नई औद्योगिक नीति का इंतजार कर रहे निवेशकों को झटका लगा है।
बताते चलें कि राज्य की पुरानी औद्योगिक नीति 2005 में खत्म हो चुकी है और राजनीतिक अस्थिरता के कारण तब से नई नीति को पेश नहीं किया जा सका है।
सोरेन ने अगले दो महीने में औद्योगिक नीति पेश करने का वादा किया था।