उत्तराखंड राज्य बुनियादी सुविधा और औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) ने बताया है कि उसने राज्य के मुख्य औद्योगिक क्षेत्रों में नई इकाइयों और विस्तार कार्यक्रमों को दिशा देने के लिए कंपनियों को आवंटन पत्र जारी कर दिए हैं।
निगम द्वारा जमीन के आवंटन में नई दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की कंपनियों के हाथ बाजी लगी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद और गाजियाबाद की करीब 57 छोटी कंपनियों को हरिद्वार और पंतनगर औद्योगिक क्षेत्र में प्रत्येक को 1000 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किया जाएगा।
इस दिशा में राज्य सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति ने करीब 100 औद्योगिक भूखंडों को अनुमति भी दे दी है, जिसमें आईटीसी, एचयूएल और स्टरलाइट जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूड़ी की अध्यक्षता वाली समिति ने इस साल सिडकुल द्वारा बुलाए गए प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
यहां आने वाली कंपनियों को नई आवंटन नीति के तहत भूमि का आवंटन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में हरिद्वार, पंतनगर, कोटद्वार आदि औद्योगिक क्षेत्रों के लिए नई आवंटन नीति को सूत्रबध्द किया था। ये औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल द्वारा विकसित किया जा रहा है जोकि राज्य सरकार की एक उद्यम है।
औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन के लिए कंपनियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) को रखा गया है जिसके लिए भूमि आवंटन में 25 फीसदी भूमि आरक्षित किया गया है।
इस प्रस्ताव के लिए मुख्य रूप से हरिद्वार एकीकृत औद्योगिक एस्टेट में ज्यादा भीड़ उमड़ रही है। भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए इस समिति ने भूमि की अंतिम आवंटन में कंपनियों की अधिकतम संख्या को समायोजित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश की है।
दूसरी श्रेणी में, करीब 6 ऐसे उद्योगों को रखा गया है जिसे हरिद्वार में प्रत्येक को 2 एकड़ भूमि मुहैया कराया जाएगा। तीसरी श्रेणी में, एचयूएल जैसी बड़ी कंपनियों को रखा गया है जिन्हें भारी निवेश के रूप में वरीयता दी गई है।
इसके अलावा, पंतनगर औद्योगिक एस्टेट में करीब 18 निवेश प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। डेल्टा उन बड़ी कंपनियों में से एक है जिसे पंतनगर में भूमि आवंटन किया गया है।
उत्तराखंड को दी जाने वाली विशेष औद्योगिक पैकेज 31 मार्च 2010 को समाप्त हो रही है इसलिए राज्य सरकार अधिक से अधिक राजस्व और रोजगार के अवसर बनाने में जुटी हुई है।
राज्य सरकार पर्वतीय और दूरदराज के क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के लिए खास तौर से छूट दे रही है।
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दिल्ली और एनसीआर की करीब 57 छोटी इकाइयों को हरिद्वार और पंत नगर में जमीन का आवंटन
छोटे और मझोले उद्योगों के लिए 25 फीसदी जमीन आरक्षित है