600 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा पानी पर तैरता (फ्लोटिंग) सौर ऊर्जा संयंत्र मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित होने जा रहा है। परियोजना के पहले चरण में 278 मेगावॉट उत्पादन के लिए गुरुवार को तीन कंपनियों एनएचडीसी लिमिटेड, एएमपी एजर्नी तथा एसजेवीएन लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गये।
ये तीनों कंपनियां क्रमश 88 मेगावॉट, 100 मेगावॉट तथा एसजेवीए 90 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेंगी। इस परियोजना से उत्पादित होने वाली बिजली को मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा खरीदा जाएगा। पहले चरण की 278 मेगावॉट क्षमता वाला हिस्सा 2023 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस परियोजना की स्थापना से करीब 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा तथा प्रदेश में अनुमानत: करीब 3500 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
अनुबंध पर हस्ताक्षर के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस परियोजना के पानी पर स्थापित होने के कारण करीब 1200 हेक्टेयर भूमि का बचाव होगा तथा किसी प्रकार का विस्थापन भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पानी पर सौर पैनल लगने के कारण पानी का वाष्पीकरण भी नहीं होगा तथा 60 से 70 प्रतिशत पानी की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 तक मध्य प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 20,000 मेगावॉट पहुंचाने का लक्ष्य है। फिलहाल यह क्षमता 10,000 मेगावॉट से कुछ ही अधिक है।