facebookmetapixel
बिहार चुनाव पर भाकपा माले के महासचिव दीपंकर का बड़ा आरोप: राजग के तीन ‘प्रयोगों’ ने पूरी तस्वीर पलट दीदोहा में जयशंकर की कतर नेतृत्व से अहम बातचीत, ऊर्जा-व्यापार सहयोग पर बड़ा फोकसझारखंड के 25 साल: अधूरे रहे विकास के सपने, आर्थिक क्षमताएं अब भी नहीं चमकींपूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को भाने लगी ‘काला नमक’ चावल की खेती, रिकॉर्ड 80 हजार हेक्टेयर में हुई बोआईभूख से ब्रांड तक का सफर: मुंबई का वड़ा पाव बना करोड़ों का कारोबार, देशभर में छा रहा यह देसी स्ट्रीट फूडDPDP नियमों से कंपनियों की लागत बढ़ने के आसार, डेटा मैपिंग और सहमति प्रणाली पर बड़ा खर्चजिंस कंपनियों की कमाई बढ़ने से Q2 में कॉरपोरेट मुनाफा मजबूत, पर बैंकिंग और IT में सुस्ती जारीबिहार चुनाव में NDA की प्रचंड जीत: अब वादों पर अमल की चुनौती विकसित भारत को स्वच्छ प्रणाली की आवश्यकता: विकास भ्रष्टाचार से लड़ने पर निर्भर करता हैअगर कांग्रेस भाजपा से आगे निकलना चाहती है तो उसे पहले थोड़ी विनम्रता दिखानी होगी

स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर बनेगा बल्क ड्रग पार्क

Last Updated- December 12, 2022 | 3:32 AM IST

महाराष्ट्र सरकार ने रायगड़ जिले में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क (बीडीपी) निर्माण करने की तैयारी शुरु कर दी है । बीडीपी निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। इस परियोजना में 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश होने और करीब 75 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। बीडीपी निर्माण स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर किया जाएगा।
यह परियोजना रायगड़ जिले के मुरुड और रोहा तहसील के 17 गांवों की भूमि पर प्रस्तावित है। यह परियोजना करते समय किसी भी गांव को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। परियोजना में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे अनुमानित 75,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। बीडीबी के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के पास भेज दिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस बल्क ड्रग पार्क में देश को दवाओं की आपूर्ति करने की क्षमता है। ठाकरे ने कहा कि यहां बनने वाली परियोजनाओं में भूमिपुत्रों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। स्थानीय लोगों के परामर्श से भूमि का वास्तविक सर्वेक्षण, जहां भी संभव हो बागवानी जमीन का संरक्षण हो और स्थानीय लोगों के सर्वोत्तम मुआवजा मिले इसके लिए एक व्यापक योजना बनाकर परियोजना की योजना बनाई जानी चाहिए।
उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि भारत के औषध निर्माण पार्कों के विकास के अंतर्गत यह परियोजना बनाई जाए इसके लिए केंद्र की ओर फॉलोअप करेंगे। भूमि अधिग्रहण शुल्क के अलावा पीएपी के लिए 10 फीसदी विकसित भूमि प्रदान की जाएगी। भूखंड का उपयोग वाणिज्यिक, औद्योगिक और आवासीय उपयोग के लिए किया जा सकेगा। इससे औद्योगिक-व्यापार के साथ-साथ आवासीय दुकानों को किराए पर दे सकेंगे। इससे परियोजना में प्रभावित लोगों को स्थायी आय प्राप्त होगी। स्थानीय लोगों के कौशल विकास के लिए कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जाएगा।
उद्योग राज्यमंत्री अदिती तटकरे ने कहा कि इससे मछुआरों के व्यवसाय पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि प्रक्रिया किया हुआ अपशिष्ट पानी गहरे समुद्र में 10 किमी अंदर छोडा जाएगा। इससे स्थानीय मछुआरों के व्यवसायों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही फार्मास्युटिकल पार्क में स्थापित कंपनियों के सामाजिक उत्तरदायित्व कोष से गांव में नागरिक सुविधाओं को सुदृढ़ करना और स्थानीय लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू की जाएगी। एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पी अन्बलगन ने बताया कि राज्य का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। राज्य में ड्रग मैन्युफैक्चरिंग पार्क स्थापित करने के लिए अनुकूल माहौल है।
देश में फार्मास्युटिकल पार्क (बीडीपी) की स्थापना को बढ़ावा देना, पार्क में स्थित औषध निर्माण विभागों को आसानी से विश्व स्तरीय बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना, इसके माध्यम से फार्मास्यूटिकल्स की उत्पादन लागत में कमी लाकर देश में फार्मास्युटिकल उद्योग की स्पर्धात्मकता में वृद्धि करना और वैकल्पिक रूप से भारत को औषध निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसी परियोजना केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जाती है। इसके लिए 3,000 करोड़ रुपये की वित्तीय योजना है और इस योजना के तहत देश के तीन औषध निर्माण पार्कों को सहायता दी जाएगी।

First Published - June 18, 2021 | 8:47 PM IST

संबंधित पोस्ट