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शॉपिंग मॉल में मिलेगी प्री-स्कूल की बुनियादी शिक्षा

Last Updated- December 07, 2022 | 2:45 AM IST

बेतरतीब दुनिया की इस दास्तां में अजीबोगरीब पहलुओं की फेहरिस्त काफी लंबी है। ऐसी ही एक पहल के तहत अब मुंबई सेंट्रल स्थित सिटी सेंटर शॉपिंग मॉल में बच्चों को बुनियादी शिक्षा देने की पहल की गई है।


इसप्रकार से शॉपिंग मॉल में प्री-स्कूल और डे-केयर का आगाज भारत में पहली बार किया जा रहा है। लीना आशर द्धारा संचालित कंगारु किड्स एजुकेशन लिमिटेड द्धारा कांगाप्ले नामक अनूठी पहल की शुरुआत की जा रही है।

साथ ही भविष्य में मुंबई के अन्य 5 शॉपिंग मॉल में प्री-स्कूल श्रृंखलाओं की शुरुआत कर लीना आशर इस पहल के विस्तार कार्यक्रम पर जोर देने में जुटी हुई हैं। उल्लेखनीय है कि सुभाष चंद्रा के जी ग्रुप ने किड्जी नामक ऐसे ही प्री-स्कूल की श्रृंखलाओं की शुरुआत करते हुए बुनियादी शिक्षा के बाजार को बुलंदियों पर पहुंचाया है।

वहीं कंगारु किड्स द्धारा शॉपिंग मॉल में प्री-स्कूल शिक्षा की शुरुआत करने से इस क्षेत्र के बाजार की प्रतिस्पर्धा अपनी चरम स्थिति में पहुंच गई है। इससे  साफ जाहिर होता है कि आनेवाले दिनों में प्री-स्कूल की शिक्षा के लिए प्रतिस्पर्धा व्यापक पैमाने पर पहुंच जाएगी।

गौरतलब है कि शॉपिंग मॉल में प्री-स्कूल की शिक्षा से बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी काफी उत्साहित हैं। ऐसे ही एक अभिभावक दिपाली मल्होत्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आमतौर पर बच्चों के स्कूली जीवन का आगाज अभिभावकों के लिए काफी संघर्षपूर्ण होता है। जिसके तहत स्कूल की सीढ़ियों के चढ़ने से पहले ही उनकी आंखों से आंसुओं की धारा निकलना स्वाभाविक है। वहीं शॉपिंग मॉल के भीतर प्रवेश करने के बाद बच्चों की खुशियों का ठिकाना नहीं होता है।

ऐसे में बच्चों के कक्षा में दाखिल होने के बाद उनमें शिक्षा के गुर सीखने की ललक अधिक बढ़ती हुई देखी जा रही है। इसके अलावा कंगारु किड्स की नन्हीं छात्रा सिमरन गझधर भी इस पहल का भरपूर लाभ उठा रही हैं। साथ ही बुनियादी शिक्षा के गुर भी बखूबी सीख रही हैं। सिमरन का कहना है कि उन्हें पढ़ाई करने में बहुत मजा आ रहा है।

इस अनोखी पहल की शुरुआत करने के पीछे खास मकसद क्या है? इसका जवाब देते हुए कंगारु किड्स की संयोजक कृपाली वाघेला ने बताया कि अनोखे प्रयोग हमेशा बच्चों को बेहद पसंद आते हैं। साथ ही शॉपिंग मॉल को देखकर ही बच्चों की खुशी का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में शिक्षा की बुनियाद का आगाज खुशनुमा होता है तो भविष्य का सुनहरा होना स्वाभाविक है।

अपनी इस श्रृंखला के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कृपाली ने बताया कि 1200 वर्गफीट परिसर में फैले चार अलग-अलग कमरों में विविध प्रकार की शिक्षा 1.5 वर्ष से लेकर 3.5 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को दी जा रही है। जिसमें भाषा,आंकगणित, कंम्प्यूटर और खेलकूद की बुनियादी शिक्षा से बच्चों को रूबरु कराया जाता है।  साथ ही 3 वर्ष से लेकर 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए डे-केयर सेंटर की भी व्यवस्था है।

वहीं आगामी सत्र में डॉडलर्स क्लब की शुरुआत भी की जायेगी। इसके तहत बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी कक्षा का हिस्सा बन सकेंगे और अपने बच्चों को उनकी शिक्षा एवं कला में माहिर बनाने के लिए शिक्षकों के साथ सहयोग प्रदान कर सकेंगे। भारत में अमूमन हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की बयार अपने चरम पर है। ऐसे में प्री-स्कूल की शॉपिंग मॉल तक पहुँच की प्रतिस्पर्धा कितनी कारगर साबित होगी? यह जानना काफी रोमांचक होगा क्योंकि इस क्षेत्र में अन्य दिग्गज भी अपने पांव जमाए हुए हैं।

First Published - June 1, 2008 | 10:52 PM IST

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