स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण संकट के समाधान के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दल इस बात पर सहमत हैं कि ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर जल्द ही फैसला लेंगे। विपक्षी दल भाजपा पहले ही कह चुकी है कि जब तक ओबीसी आरक्षण का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक पार्टी कोई स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने देगी।
स्थानीय निकायों के लिए ओबीसी आरक्षण के मुद्दों पर चर्चा के लिए आज सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सभी दल इस बात पर सहमत हैं कि ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राजनीतिक आरक्षण में आ रही दिक्कतों के संबंध में विभिन्न राजनीतिक दलों से विचार मांगे। उन्होंने कहा कि यह सभी की भावना थी कि स्थानीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं होने चाहिए। वह आने वाले दिनों में बैठक में प्राप्त सुझावों और विकल्पों का अध्ययन करेंगे और जल्द ही इस मुद्दे पर सर्वसम्मत निर्णय लेंगे। ठाकरे ने कहा कि सभी दलों को ओबीसी आरक्षण के लिए एकजुट और एकमत रहना चाहिए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार के स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस सहित सभी दलों के नेताओं ने आरक्षण बनाए रखने के लिए विभिन्न विकल्पों और सुझावों पर अपने विचार साझा किए।
ओबीसी आरक्षण संकट के समाधान के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद फडणवीस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण को खारिज नहीं किया है बल्कि केवल एक प्रावधान को बताया है। इसका मतलब है कि अगर महाराष्ट्र सरकार तीन प्रावधानों को पूरा कर लेती है तो राजनीतिक आरक्षण बहाल कर दिया जाएगा। राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि तीन प्रावधानों को पूरा करने के लिए जरूरी पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन राज्य सरकार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पिछड़ा वर्ग आयोग को आंकड़े जुटाने चाहिए ताकि हम ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण हासिल कर सकें। राज्य को ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन का अध्ययन कराने की भी जरूरत है। इसके लिए पूरे समुदाय की गणना की जरूरत नहीं है और आंकड़े नमूना आधार पर जुटाए जा सकते हैं।
इससे पहले, महाराष्ट्र भाजपा इकाई ने सूचित किया था कि जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण का मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक पार्टी कोई स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने देगी। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि जब तक ओबीसी आरक्षण का मुद्दा नहीं सुलझता, भाजपा स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने देगी। साथ ही कहा कि इस सरकार की ये इच्छा है कि ओबीसी समुदाय राजनीतिक आरक्षण खो दे। इसी साल मार्च में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राज्य में संबंधित स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को मिलाकर कुल आरक्षित सीटों के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है।