facebookmetapixel
90,000 करोड़ के समूह का ग्रीन एनर्जी में प्रवेश, जानिए क्यों है ये खबर खासMcLeod Russel का ऋण समाधान तेज, NARCL से बातचीत जारीStocks To Watch Today: Infosys, Tata Power, JSW Infra समेत आज ये स्टॉक्स रहेंगे सेंटर ऑफ अट्रैक्शन; चेक करें लिस्टDPDP Act: डिजिटल प्राइवेसी नियमों पर सरकार सख्त, अनुपालन समय घटाने पर विचारByju’s अल्फा से गायब करोड़ों! नई याचिका में रवींद्रन पर गंभीर आरोपEditorial: वोडाफोन आइडिया के एजीआर संकट पर समाधान की उम्मीद, समान नीति की मांग तेजबजट 2026 में राजकोषीय अनुशासन और विकास के बीच संतुलन जरूरीतकनीकी दिग्गजों ने भारतीय यूजर्स से कमाए अरबों डॉलर, इसे देश में ही रोकने की जरूरतबांग्लादेश में विशेष न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को दी मौत की सजा, हिंसक दमन का ‘प्रमुख सूत्रधार’ बतायाबिहार: नीतीश के हाथ में ही रहेगी कमान, जदयू-भाजपा गठबंधन में मंत्री पदों का बंटवारा तय

महाराष्ट्र में आघाडी ने 4 सीट जीतीं

Last Updated- December 14, 2022 | 8:34 PM IST

महाराष्ट्र की छह विधान परिषद सीट के चुनाव नतीजे महाविकास आघाडी (कांग्रेस- राकांपा और शिवसेना) के पक्ष में रहे। आघाडी चार सीट पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। भाजपा और निर्दलीय के खाते में एक-एक सीट आई है। आघाडी की चार सीट में से कांग्रेस और राकांपा को दो-दो सीट मिली है। शिवसेना एक भी सीट नहीं जीत सकी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में यह पहला चुनाव है।
भाजपा को अपने सबसे मजबूत गढ़ यानी नागपुर में हार का मुंह देखना पड़ा जहां कांग्रेस को जीत मिली है। नागपुर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का क्षेत्र रहा है। फडणवीस के पिता गंगाधर राव फडणवीस ने भी इस सीट से कभी जीत हासिल की थी। नागपुर आरएसएस का गढ़ भी है। इस हिसाब से यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। भाजपा ने चार सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और एक सीट पर निर्दलीय को  समर्थन दिया था। आघाडी ने पांच सीट पर चुनाव लड़ा, जिनमें शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा दो, कांग्रेस भी दो और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना एक सीट पर चुनाव मैदान में थी।
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि विधान परिषद के चुनाव में आघाडी के उम्मीदवारों की जीत गठबंधन के घटक दलों के बीच एकता का प्रतीक है और यह लोगों का सरकार के प्रति भरोसा भी दिखाता है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम इन चुनावों में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की संयुक्त ताकत का अंदाजा नहीं लगा पाए। अब हमें पता है कि वे एक साथ मिलकर कितनी बड़ी टक्कर दे सकते हैं। हम अगले चुनावों के लिए बेहतर तैयारी करेंगे।

उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 3 सीट जीतीं
सिद्धार्थ कलहंस

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की 11 सीट पर हुए चुनावों में नतीजे मिलेजुले रहे हैं। पहली बार शिक्षक क्षेत्र की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार कर भारतीय जनता पार्टी ने छह में से तीन सीट जीत ली हैं। भाजपा को प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में हार का मुंह देखना पड़ा है। वहां शिक्षक क्षेत्र की विधान परिषद सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है जबकि स्नातक क्षेत्र की सीट पर भी उसके प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। शिक्षक एमएलसी की छह सीट पर अरसे से अपना वर्चस्व रखने वाले शर्मा गुट वाले शिक्षक संघ को भाजपा ने करारी मात दे दी है। विधान परिषद में 1970 से लगातार जीतते आ रहे माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के कद्दावर नेता ओमप्रकाश शर्मा को मेरठ में भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा ने हरा दिया। पहली बार समाजवादी पार्टी ने शिक्षक सीटों पर अपना खाता खोला है और वाराणसी में उसके प्रत्याशी लालबिहारी यादव ने जीत हासिल की है। वाराणसी की स्नातक सीट पर भी सपा प्रत्याशी आशुतोष सिन्हा लगातार बढ़त बनाए हुए हैं। देर शाम तक जारी मतगणना में स्नातक क्षेत्र की पांच विधान परिषद सीट में दो पर भाजपा की बढ़त बनी हुई थी जबकि सपा को एक, दो सीट पर निर्दलीयों की बढ़त थी।

ग्रेटर हैदराबाद : भाजपा की नैतिक जीत
भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को ‘नैतिक जीत’ बताते हुए शुक्रवार को कहा कि पार्टी तेलंगाना में टीआरएस की ‘एकमात्र विकल्प’ के रूप में उभरी है। मतगणना जारी है और ताजा रूझानों के मुताबिक राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) 60 से अधिक सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है, या आगे चल रही है। वहीं, भाजपा 43 सीटें और एआईएमआईएम 42 सीटें जीत चुकी है या उन पर बढ़त बनाए हुए है। चुनाव के अब तक के परिणाम में कांग्रेस दो सीटें हासिल करने में सफल रही है।     भाषा

First Published - December 4, 2020 | 11:34 PM IST

संबंधित पोस्ट