facebookmetapixel
Delhi Weather Update: सावधान! दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर, IMD ने कोल्ड-वेव अलर्ट जारी कियाNowgam Blast: फरीदाबाद में जब्त विस्फोटकों के कारण श्रीनगर में पुलिस थाने में धमाका; 8 की मौत, 27 घायलDecoded: 8वें वेतन आयोग से कर्मचारी और पेंशनरों की जेब पर क्या असर?DPDP के नए नियमों से बढ़ी ‘कंसेंट मैनेजर्स’ की मांगसरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगे

कारोबारी आय पर असर

Last Updated- December 15, 2022 | 3:06 AM IST

कारोबारी आय पर नजर डालें तो 1,502 कंपनियों का बड़ा नमूना यही संकेत देता है कि हर ओर तबाही के हालात हैं। अप्रैल से जून 2020 के बीच शुद्ध बिक्री सालाना आधार पर 24.7 फीसदी गिरी और यह 2019 की समान तिमाही के 19.96 लाख करोड़ रुपये से घटकर 15 लाख करोड़ रुपये रह गई। कर पश्चात लाभ में 62.7 फीसदी की गिरावट आई और यह 1.26 लाख करोड़ रुपये से घटकर 46,922 करोड़ रुपये रह गया। परिचालन लाभ में 15 फीसदी की कमी आई। यदि उच्च अस्थिरता वाले बैंकिंग क्षेत्र, रिफाइनरी और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को इस नमूने से बाहर कर दें तो लॉकडाउन का गंभीर असर एकदम साफ नजर आता है। शेष बची 1,306 कंपनियों की बिक्री में 26.6 फीसदी और कर पश्चात लाभ में 85 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस व्यापक नमूने में कुल मिलाकर 10,696 करोड़ रुपये कर कर पश्चात नुकसान दर्ज किया गया जबकि एक वर्ष पहले 77,841 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ अर्जित हुआ था। इकलौती अच्छी खबर कृषि क्षेत्र से आ रही है। कृषि आधारित कारोबार अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। कीटनाशक तथा अन्य कृषि रसायनों को कच्चे माल की कम दर के चलते बेहतर लाभ हासिल हुआ है। चीनी में भी सुधार देखने को मिल सकता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने में मदद मिल सकती है। कृषि रसायनों की बिक्री में 3.8 फीसदी और कर पश्चात लाभ में 64 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि उर्वरकों की बिक्री 5.4 फीसदी बढ़ी तथा उनके कर पश्चात लाभ में 302 फीसदी की जोरदार उछाल आई। चीनी उद्योग के कुल कारोबार में 20 फीसदी की तेजी आई जबकि उसका कर पश्चात लाभ 69 फीसदी बढ़ा।
अन्य क्षेत्रों की बात करें तो दैनिक उपभोग की वस्तुओं और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कुल कारोबार और मुनाफे में मामूली इजाफा हुआ। औषधि क्षेत्र का कारोबार स्थिर रहा। इनके अलावा लगभग हर क्षेत्र का मुनाफा या तो बुरी तरह प्रभावित हुआ या उसे भारी नुकसान हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की जिन 85 कंपनियों ने नतीजे घोषित किए हैं उनका कुल कारोबार 4 फीसदी और कर पश्चात लाभ 2 फीसदी बढ़ा। दैनिक उपभोग की वस्तुओं के मामले में 40 कंपनियों के कारोबार में 5.8 फीसदी की कमी आई हालांकि उनका कर पश्चात लाभ 6 फीसदी बढ़ा। बैंकिंग क्षेत्र में 32 सूचीबद्ध बैंकों के कारोबार में 11 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि उनका कर पश्चात लाभ 49 फीसदी बढ़ा। इन आंकड़ों को सावधानी से देखने की आवश्यकता है क्योंकि ऋण चुकाने में स्थगन और प्रोविजनिंग में बदलाव का गंभीर असर हो सकता है। बैंकिंग क्षेत्र की भविष्य की दिक्कतों का एक संकेत इस तथ्य से निकलता है कि 159 सूचीबद्ध गैर बैंकिंग कंपनियों का कुल कर पश्चात लाभ 8 फीसदी गिरा जबकि उनका कुल कारोबार 8 फीसदी बढ़ा। वाहन, इस्पात, गैर लौह धातुएं, वाहन कलपुर्जा, टायर, बिजली उत्पादन, रसायन, पूंजीगत वस्तु, बुनियादी ढांचा, सीमेंट, स्वास्थ्य सेवा, स्वागत, खनन और विमानन क्षेत्रों में नुकसान बढ़ा है। दूरसंचार क्षेत्र में जियो के वित्तीय आंकड़े उसकी मातृ कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के अधीन आते हैं इसलिए अगर उसे छोड़ दें तो दूरसंचार क्षेत्र के कारोबार में 7 फीसदी का इजाफा हुआ लेकिन उसका कर पश्चात घाटा 42,235 करोड़ रुपये के अभूतपूर्व स्तर पर रहा। यह राशि 39,542 करोड़ रुपये के कुल कारोबार से भी अधिक है। ऐसा समायोजित सकल राजस्व के मामले के चलते हुआ। रुझान स्पष्ट है: खपत में कमी आई है, निवेश कम है और बुनियादी क्षेत्रों में भी नुकसान हो रहा है। अकेली आशा कृषि क्षेत्र से है लेकिन बेहतर खेती होने भर से अर्थव्यवस्था संकट से नहीं उबरेगी। संकट से उबरना इस बात पर निर्भर करेगा कि महामारी पर कितनी जल्दी नियंत्रण हासिल किया जाता है और कितने उचित नीतिगत कदम उठाए जाते हैं।

First Published - August 23, 2020 | 11:05 PM IST

संबंधित पोस्ट