Skip to content
  बुधवार 29 मार्च 2023
Trending
March 29, 2023Repo Rate: क्या RBI फिर से करने वाला है रीपो रेट में इजाफा ? जानिए अर्थशास्त्रियों की रायMarch 29, 2023Adani Stocks: अदाणी समूह की सात कंपनियों के शेयर चढ़े, अदाणी एंटरप्राइजेज में 8.75 फीसदी की बढ़तMarch 29, 2023Stock Market : उतार-चढ़ाव भरे बाजार में बड़े सौदे पांच महीने की ऊंचाई परMarch 29, 2023Pulses stock monitoring: दालों की जमाखोरी पर नकेल कसने की तैयारी ! इन लोगों के खिलाफ सख्त हुई सरकारMarch 29, 2023SEBI ने फ्रंट रनिंग के आरोप में छह फर्मों पर लगाई रोकMarch 29, 2023Netweb IPO: नेटवेब टेक्नोलॉजीज ने SEBI के पास आईपीओ ड्राफ्ट पेपर जमा कराएMarch 29, 2023IPO : एसपीसी लाइफसाइंसेज ने सेबी के पास आईपीओ दस्तावेज जमा कराएMarch 29, 2023MakeMyTrip की इस साल फ्रेंचाइजी आधार को 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने की योजनाMarch 29, 2023Delhi Gold Rate: सोने में 110 रुपये की गिरावट, चांदी 350 रुपये मजबूतMarch 29, 2023Dollar Vs Rupee : रुपया 15 पैसे की गिरावट के साथ 82.16 प्रति डॉलर पर
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  बैंकिंग को लेकर एक नया साहसी विचार
लेख

बैंकिंग को लेकर एक नया साहसी विचार

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —November 18, 2021 11:50 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

यदि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सफल रहे तो वहां के ऑफिस ऑफ कंट्रोलर ऑफ करेंसी (ओसीसी) को एक ऐसी महिला प्रमुख मिलेगी जो बैंकिंग की प्रकृति को ही बदलना चाहती है। अमेरिका में बैंकिंग को लेकर कई नियामक हैं। संभवत: ओसीसी उनमें सबसे प्रमुख है। 

वैश्विक संकट के परिणामस्वरूप अमेरिका में भी हवा का रुख बाजार से परे और नियमन तथा राज्य का हस्तक्षेप बढ़ाने की दिशा में हुआ है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय की विधि विभाग की प्रोफेसर साउले ओमारोवा को ओसीसी के पद पर नामित करना इसी बदलाव का सूचक है।

ओमारोव उस विचारधारा की हैं जो मानती है कि आज निजी बैंकिंग में बुनियादी खामियां हैं। बैंकों से आशा की जाती है कि वे बचतकर्ताओं और निवेशकों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगे। वे जमा लेकर और ऋण देकर ऐसा करते हैं। व्यवहार में बैंक ऋण देने के पहले जमा लेने की प्रतीक्षा नहीं करते। वे कर्ज देते हैं और दिए गए कर्ज के बदले बाद में जमा लेते हैं। चूंकि बैंक जमा को नकदी माना जाता है इसलिए उनके पास यह नकदी तैयार करने की सुविधा होती है। 

ओमारोवा की विचारधारा के मुताबिक दिक्कत यहीं है। बैंकर अपनी मर्जी से कर्ज दे सकते हैं और उन्हें ऐसा करने का प्रोत्साहन भी मिलता है। जितना ज्यादा ऋण उतना बड़ा बोनस। ऐसे में बैंकिंग में ऋण का बुलबुला बनना आम बात है। बैंकर यह ध्यान नहीं देते कि ऋण उत्पादक आर्थिक गतिविधियों के लिए है या अटकलबाजी से भरी गतिविधियों के लिए।

जब कर्ज में तेजी को इस तथ्य से मिलाया जाए कि बेसल 3 मानकों के तहत बैंक नकदीकरण के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते हैं तो बैंक 33:1 के डेट और इक्विटी अनुपात पर काम कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक कोशिश करते हैं कि बैंकों की नकद आरक्षित अनुपात की जरूरत, ब्याज दर और बैंकों की पूंजी आवश्यकता के जरिये नकदी तैयार करने की क्षमता सीमित हो सके। इन उपायों का प्रभाव सीमित रहा है। मुद्रा निर्माण में बैंक भी उतने ही गैर जिम्मेदार हो सकते हैं जितनी कि सरकारें।

ओमारोवा को लगता है कि अब वक्त आ गया है कि बैंकों के कर्ज देने के काम को उनके मौद्रिक काम से अलग किया जाए। बैंकों को बिना मुद्रा निर्माण ऋण देना चाहिए। वह कहती हैं कि इसके लिए जमा को बैंकों से दूर किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि जमा को फेडरल रिजर्व में भेजा जाना चाहिए।

केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पर चर्चा में पहले ही लोगों के केंद्रीय बैंक के साथ जमा खाते की बात शुरू हो चुकी है। ये बैंकों के डिजिटल वॉलेट की तरह ही होंगे। अधिकांश लोगों का सोचना है कि सीबीडीसी मौजूदा वाणिज्यिक मुद्रा के साथ ही चलन में रहेगी।

ओमारोवा का प्रस्ताव कुछ ज्यादा ही रूढि़वादी है: वह चाहती हैं कि संपूर्ण जमा को फेडरल रिजर्व में स्थानांतरित कर दिया जाए। इन खातों में भी वैसे ही ब्याज मिलेगा जैसे अन्य जमा को मिलता है। यह ब्याज दर अर्थव्यवस्था में ब्याज दर ढांचे को लेकर प्रभावी आधार तैयार करेगी। इससे फेड की ब्याज दर प्रबंधन क्षमता में नाटकीय इजाफा होगा और पारेषण की समस्या का अंत होगा। कुल मिलाकर फेड को बैंकों के जरिये मौद्रिक नीति संचालन की जरूरत न रह जाएगी। 

यहां दो प्रश्न उठते हैं: पहला, यदि बैंक अपना जमा फेड के हाथों गंवा बैठते हैं तो क्या होगा? फेड अपने पास जमा धन का क्या करेगा? ओमारोवा दोनों सवालों का विस्तार से जवाब देती हैं।

बैंक अगर अपने जमा तक पहुंच गंवा देते हैं तो भी कोई दिक्कत नहीं। फेड उन्हें सब्सिडी वाली दर पर फंड मुहैया कराएगा। जिन गतिविधियों के संचालन के लिए फेड के फंड की आवश्यकता नहीं हैं, उनके लिए बैंकों को महंगे ऋण या इक्विटी प्रतिभूति से राशि जुटानी होगी जैसा कि कंपनियां करती हैं।

एक बार जब बैंक जमा तक पहुंच गंवा दें तो भी बैंक चलेंगे और बैंकिंग में शामिल भंगुरता का अंत हो जाएगा। इसके साथ ही जमा बीमा तथा आरक्षित आवश्यकताओं तथा बैंकों की पूंजी आवश्यकताओं का भी समापन हो जाएगा। बैंक नियमन का पूरा जटिल ढांचा ध्वस्त किया जा सकता है। बैंकों की परिसंपत्ति में कोई बदलाव नहीं आता बस फाइनैंसिंग का तरीका बदल जाता है। ओमारोवा इस बिंदु पर बात नहीं करती हैं लेकिन संभावना यही है कि फेड के फंड जमा की तुलना में महंगे होंगे ताकि बैंकों का विशुद्ध ब्याज मार्जिन कम रहे।

यह फेड की बैलेंस शीट में देनदारी वाला हिस्सा है। ओमारोवा परिसंपत्ति क्षेत्र के जिस बदलाव की बात कर रही हैं उसे लेकर अधिक विवाद है। यदि फेड का देनदारी वाला पक्ष सार्वजनिक तक पहुंच की मदद से विस्तारित होता है तो परिसंपत्ति क्षेत्र में भी भारी विस्तार की आवश्यकता होगी। यह कैसे होगा?

इसका एक तरीका तो फेड के रियायती ऋण के रूप में सामने आता है जिसका जिक्र हम ऊपर कर चुके हैं। दूसरा तरीका प्रस्तावित राष्ट्रीय निवेश प्राधिकरण द्वारा जारी प्रतिभूति खरीद के रूप में सामने आ सकता है। इस प्राधिकरण की परिकल्पना एक सार्वजनिक अधोसंरचना एजेंसी के रूप में की गई है जो बुनियादी परियोजनाओं को वित्तीय मदद देगी। निजी-सार्वजनिक भागीदारी में निजी पूंजी और सार्वजनिक प्रबंधन शामिल होता है। इसके विपरीत यह एजेंसी निजी-सार्वजनिक पूंजी और सार्वजनिक प्रबंधन की बात करती है। इसका मानना है कि अधोसंरचना बुनियादी तौर पर सरकार का दायित्व है।

ओमारोवा की योजना केवल बैंकिंग की स्थिरता या मौद्रिक नीति को प्रभावी बनाने से संबद्ध नहीं है। इसका संबंध आम नागरिकों को फेड की बैलेंस शीट तक पहुंच प्रदान करके वित्तीय तंत्र को लोकतांत्रिक बनाने से भी है। इसका संबंध वित्तीय तंत्र में निजी और सार्वजनिक शक्ति के संतुलन को निर्णायक रूप से निजी के पक्ष में करने से भी है।

कहा नहीं जा सकता कि ओमारोवा नामित होंगी या नहीं। आलोचकों का कहना है कि वह पूर्व सोवियत संघ में पली बढ़ी हैं और उनकी कॉलेज थीसिस कार्ल माक्र्स के बारे में हैं। उन्हें समाजवादी कहकर आलोचना की जा रही है और कहा जा रहा है कि वह केंद्रीय नियोजन की वापसी चाहती हैं।

इन सब बातों के बीच भारत में हमें भी ओमारोवा के विचारों के बारे में सोचना चाहिए। ऐसे समय पर जब हम सरकारी परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की चर्चा कर रहे हैं, अधोसंरचना के सार्वजनिक क्षेत्र की प्राथमिक जिम्मेदारी होने की बात को अमेरिकी राष्ट्रपति का समर्थन मिलना मामूली बात नहीं है। ऐसे में जबकि हम बैंकिंग में निजी क्षेत्र की भूमिका कम करने की राह तलाश रहे हैं, तब मुक्त बाजार की धरती पर निजी क्षेत्र की भूमिका सीमित करने का विचार जोर पकड़ रहा है।

ओसीसीजो बाइडनबैंक ऋणबैंकिंगब्याज दरमौद्रिक गतिविधियांवैश्विक संकट
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास की बात

March 28, 2023 11:20 PM IST
आज का अखबार

ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करें बैंक

March 28, 2023 11:15 PM IST
आज का अखबार

स्पेक्ट्रम आवंटन : दूर हो नीति का अभाव

March 28, 2023 11:06 PM IST
आज का अखबार

शहरी भारत का निर्माण

March 27, 2023 11:55 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

इंडोनेशिया में 1,200 करोड़ रुपये निवेश करेगी जिंदल स्टेनलेस, बढ़ेगी निकल की उपलब्धता

March 28, 2023 9:39 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

बहुपक्षीय संस्थानों के सुधार पर जी-20 की समिति बनी

March 28, 2023 8:02 PM IST
आपका पैसा

PFRDA के ओम्बड्समैन की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ी

March 28, 2023 6:36 PM IST
अन्य समाचार

Meta का भारत को लेकर बेहद रोमांचित, आशावादी नजरियाः संध्या देवनाथन

March 28, 2023 6:05 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

Mexico Fire: मेक्सिको में प्रवासी केंद्र में आग का कोहराम, 39 लोगों की मौत, कई घायल

March 28, 2023 5:27 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में चीन, भारत मिलकर करेंगे आधा योगदानः रिसर्च संस्थान

March 28, 2023 5:08 PM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Amritpal Singh Case
  • Mumbai-Pune Expressway
  • Stock Market Today
  • Rajnath Singh
  • COVID-19 Case Update
  • Gold-Silver Price Today
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


Repo Rate: क्या RBI फिर से करने वाला है रीपो रेट में इजाफा ? जानिए अर्थशास्त्रियों की राय

March 29, 2023 7:37 PM IST

Adani Stocks: अदाणी समूह की सात कंपनियों के शेयर चढ़े, अदाणी एंटरप्राइजेज में 8.75 फीसदी की बढ़त

March 29, 2023 7:14 PM IST

Stock Market : उतार-चढ़ाव भरे बाजार में बड़े सौदे पांच महीने की ऊंचाई पर

March 29, 2023 7:06 PM IST

Pulses stock monitoring: दालों की जमाखोरी पर नकेल कसने की तैयारी ! इन लोगों के खिलाफ सख्त हुई सरकार

March 29, 2023 6:58 PM IST

SEBI ने फ्रंट रनिंग के आरोप में छह फर्मों पर लगाई रोक

March 29, 2023 6:20 PM IST

Latest News


  • Repo Rate: क्या RBI फिर से करने वाला है रीपो रेट में इजाफा ? जानिए अर्थशास्त्रियों की राय
    by भाषा
    March 29, 2023
  • Adani Stocks: अदाणी समूह की सात कंपनियों के शेयर चढ़े, अदाणी एंटरप्राइजेज में 8.75 फीसदी की बढ़त
    by भाषा
    March 29, 2023
  • Stock Market : उतार-चढ़ाव भरे बाजार में बड़े सौदे पांच महीने की ऊंचाई पर
    by सुन्दर सेतुरामन
    March 29, 2023
  • Pulses stock monitoring: दालों की जमाखोरी पर नकेल कसने की तैयारी ! इन लोगों के खिलाफ सख्त हुई सरकार
    by बीएस संवाददाता
    March 29, 2023
  • SEBI ने फ्रंट रनिंग के आरोप में छह फर्मों पर लगाई रोक
    by भाषा
    March 29, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57960.09 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57960
3460.6%
निफ्टी57960
3460%
सीएनएक्स 50014346
1340.94%
रुपया-डॉलर82.31
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Suzlon Energy7.9512.29
NBCC34.8411.92
Cochin Shipyard459.3010.36
Macrotech Devel.865.809.98
UCO Bank24.558.92
Adani Enterp.1741.658.75
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
NBCC35.2513.34
Suzlon Energy7.9512.77
Macrotech Devel.866.509.98
Cochin Shipyard459.009.95
UCO Bank24.558.87
Adani Enterp.1740.408.72
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchAmritpal Singh CaseMumbai-Pune ExpresswayStock Market TodayRajnath SinghCOVID-19 Case UpdateGold-Silver Price TodayRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us