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अंबानी, बजाज और बिड़ला परिवारों की कुल संपत्ति सिंगापुर की पूरी अर्थव्यवस्था के बराबर

अंबानी परिवार की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कीमत 2,575,100 करोड़ रुपये है, जो इसे भारत का सबसे अमीर परिवारिक कारोबार बनाती है।

Last Updated- August 08, 2024 | 3:44 PM IST
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एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे मूल्यवान परिवारिक कारोबारों की कुल संपत्ति 6,009,100 करोड़ रुपये है। इस रिपोर्ट ने देश के सबसे प्रभावशाली परिवार के स्वामित्व वाले उद्यमों की पहचान की है। रिपोर्ट के मुताबिक, अंबानी परिवार इस लिस्ट में टॉप पर है, इसके बाद बजाज और बिड़ला परिवार का स्थान है। इन तीनों प्रमुख परिवारों की कुल संपत्ति 460 बिलियन डॉलर है, जो सिंगापुर की कुल जीडीपी के बराबर है। ‘2024 बार्कलेज प्राइवेट क्लाइंट्स हुरुन इंडिया मोस्ट वैल्यूएबल फैमिली बिज़नेस’ रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

अंबानी परिवार की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कीमत 2,575,100 करोड़ रुपये है, जो इसे भारत का सबसे अमीर परिवारिक कारोबार बनाती है। ऊर्जा और टेलीकॉम क्षेत्र में उनके दबदबे ने उनकी जबरदस्त सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है।

बजाज परिवार, जो ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स के कारोबार के लिए जाना जाता है, 712,700 करोड़ रुपये की कीमत के साथ दूसरे स्थान पर है। कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाला आदित्य बिड़ला समूह, जो धातु और खनन क्षेत्र में एक प्रमुख प्लेयर है, 538,500 करोड़ रुपये की कीमत के साथ तीसरे स्थान पर है।

इस लिस्ट में अन्य प्रमुख नामों में जिंदल परिवार (जेएसडब्ल्यू स्टील), नादर परिवार (एचसीएल टेक्नोलॉजीज), महिंद्रा परिवार (महिंद्रा एंड महिंद्रा), Dani, चोक्सी और वकील परिवार (एशियन पेंट्स), प्रेमजी परिवार (विप्रो), राजीव सिंह परिवार (डीएलएफ) और मुरुगप्पा परिवार (ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया) शामिल हैं।

इस लिस्ट में शामिल होने के लिए, परिवार की अगली पीढ़ी के किसी सदस्य को बिजनेस के मैनेजमेंट में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए या बोर्ड में सर्व करना चाहिए। ये वैल्यूएशन 20 मार्च 2024 तक के आंकड़ों पर आधारित हैं।

बजाज परिवार ने 712,700 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 2024 बार्कलेज प्राइवेट क्लाइंट्स हुरुन इंडिया मोस्ट वैल्यूएबल फैमिली बिज़नेस की लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल किया है। नीरज बजाज के नेतृत्व में यह कारोबार ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स पर फोकस है। 1926 में स्थापित यह परिवारिक कारोबार अब तीसरी पीढ़ी के हाथों में है और इसका हेड ऑफिस पुणे में है। बजाज परिवार ने भारतीय ऑटो उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और बाजार में मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है।

चौथे स्थान पर जिंदल परिवार है, जिसका नेतृत्व साजन जिंदल कर रहे हैं और इसकी कीमत 471,200 करोड़ रुपये है। उनका कारोबार मुख्य रूप से धातु और खनन उद्योग में है, जिसका नेतृत्व दूसरी पीढ़ी कर रही है। जिंदल परिवार ने भारत में बहुत बड़े पैमाने पर धातु और खनन का काम किया है। उन्होंने नई-नई चीज़ें खोजने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए काम करने की कोशिश की है। उनकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत हुई है।

नादर परिवार पांचवें स्थान पर है, जिनकी कुल संपत्ति 430,600 करोड़ रुपये है। रोशनी नादर मल्होत्रा के नेतृत्व में यह कंपनी सॉफ्टवेयर और सेवा उद्योग में काम करती है। 1991 में स्थापित, यह कंपनी अब अपनी दूसरी पीढ़ी के नेतृत्व में है और नोएडा में उनका हेड ऑफिस स्थित है। नादर परिवार ने भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है और मजबूत बाजार उपस्थिति बनाए रखी है।

महिंद्रा परिवार 345,200 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ छठे स्थान पर है। तीसरी पीढ़ी के उद्यमी आनंद महिंद्रा के नेतृत्व में महिंद्रा ग्रुप तेजी से बढ़ा है। ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, कृषि बिजनेस, वित्त और आईटी जैसे कई क्षेत्रों में काम करने वाली इस कंपनी ने बहुत अच्छी प्रगति की है। आनंद महिंद्रा के अच्छे विचारों और पर्यावरण की सुरक्षा के काम ने कंपनी को दुनिया भर में जाना पहचाना नाम बना दिया है।

सातवें स्थान पर दानी, चोक्सी और वकील परिवार है, जिनकी संपत्ति 271,200 करोड़ रुपये है। दिलचस्प बात यह है कि इस कंपनी के प्रमुख आर शेषशायी इस परिवार से नहीं हैं, जो टॉप 10 में एक अलग उदाहरण है। उनका ध्यान रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग पर है। दानी, चोक्सी और वकील परिवार ने भारत के रसायन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आठवें स्थान पर प्रेमजी परिवार है, जिनकी संपत्ति 257,900 करोड़ रुपये है। रिशद प्रेमजी के नेतृत्व में यह कंपनी सॉफ्टवेयर और सेवाओं के क्षेत्र में काम करती है। 1945 में शुरू हुई यह कंपनी अब तीसरी पीढ़ी के हाथ में है और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। प्रेमजी परिवार ने भारत के तकनीकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आज भी बाजार में मजबूत स्थिति रखती है।

नौवें स्थान पर राजीव सिंह परिवार है जिनकी कुल संपत्ति 204,500 करोड़ रुपये है। राजीव सिंह तीसरी पीढ़ी के लीडर हैं और रियल एस्टेट क्षेत्र में बिजनेस का नेतृत्व करते हैं। 1946 में स्थापित, रियल एस्टेट में परिवार की विरासत पीढ़ियों से चली आ रही है और इसने भारत के शहरी परिदृश्य को आकार दिया है।

10वें स्थान पर मुरुगप्पा परिवार है जिनकी कुल संपत्ति 202,200 करोड़ रुपये है। एम.ए.एम. अरुणाचलम के नेतृत्व में यह बिजनेस ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग में काम करता है। 1900 में स्थापित और अब तीसरी पीढ़ी द्वारा संचालित, कंपनी का हेड ऑफिस चेन्नई में है। इनोवेशन और क्वालिटी के प्रति उनकी कमिटमेंट ने बाजार में उनकी स्थिति को मजबूत किया है।

मुख्य बातें

  • अंबानी परिवार सबसे अमीर: अंबानी परिवार की कुल संपत्ति 25.75 लाख करोड़ रुपये है, जो भारत की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग 10% है।
  • नई पीढ़ी के उद्यमी: अदाणी परिवार, जो पहली पीढ़ी के उद्यमियों में सबसे अमीर है, की संपत्ति 1,544,500 करोड़ रुपये है। इसके बाद पूनावाला परिवार (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) का नंबर आता है, जिनकी संपत्ति 237,100 करोड़ रुपये है।
  • कुल संपत्ति बहुत ज्यादा: इस लिस्ट में शामिल सभी परिवारों की कुल संपत्ति लगभग 1.3 ट्रिलियन डॉलर है, जो स्विट्जरलैंड और यूएई की कुल अर्थव्यवस्था से ज्यादा है। लिस्ट में शामिल होने के लिए कम से कम 2,700 करोड़ रुपये की संपत्ति चाहिए।
  • ज्यादातर कंपनियां लिस्टेड हैं और असली प्रोडक्ट बेचती हैं: इस लिस्ट में शामिल 75% कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं और 85% कंपनियां असली प्रोडक्ट बेचती हैं। इनमें से 53% कंपनियां ग्राहकों को सीधे प्रोडक्ट बेचती हैं।
  • महिलाएं भी आगे बढ़ रही हैं: इस लिस्ट में 15 कंपनियों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।
  • पढ़ाई का असर: ज्यादातर परिवार के प्रमुखों ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई विश्वविद्यालय से की है और आगे की पढ़ाई हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से की है।
  • कौन से सेक्टर में ज्यादा कंपनियां हैं: सबसे ज्यादा कंपनियां (28) इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स सेक्टर में हैं, उसके बाद ऑटोमोबाइल (23) और दवाइयां (22) हैं।
  • सबसे ज्यादा शेयर प्राइस बढ़ाने वाले: बेनू बंगुर परिवार का शेयर प्राइस 571 गुना बढ़ा है, उसके बाद तपड़िया परिवार (387 गुना) और धर्मपाल अग्रवाल परिवार (316 गुना)।
  • ज्यादातर कंपनियां कहां स्थित हैं: मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में इस लिस्ट की लगभग आधी कंपनियां हैं।

First Published - August 8, 2024 | 3:44 PM IST

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