प्रतीकात्मक तस्वीर
Tax Saving Strategies: वित्त वर्ष 2024-25 के खत्म होने में अब कुछ महीने ही बचे हैं। यह आखिरी मौका है आपको इनकम टैक्स बचाने का। अगर आपने अभी तक अपनी टैक्स प्लानिंग नहीं की है, तो यह सही समय है, जिसमें आप टैक्स बचाने के बारे में सोच सकते हैं। 31 मार्च के बाद आप वित्तीय वर्ष 2024-25 की छूट और डिडक्शन के फायदों का लाभ नहीं उठा पाएंगे। टैक्सपेयर्स के पास फिलहाल दो तरह की टैक्स रिजीम है, जिनमें अलग-अलग डिडक्शन और छूट क्लेम करने का विकल्प है।
टैक्स एक्सपर्ट मानते हैं कि अभी भी टैक्स डिडक्शन और छूट क्लेम की गाड़ी छूटी नहीं है। सैलरीड क्लास अभी भी अलग-अलग माध्मम से टैक्स देने से बच सकते हैं।
न्यू टैक्स रिजीम में सिर्फ स्टैंडर्ड डिडक्शन और NPS पर अतिरिक्त निवेश पर टैक्स डिडक्शन मिलता है। जबकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में अभी भी टैक्सपेयर्स को अलग-अलग सेक्शन में टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की सुविधा मिलती है। इनमें 80C, 80D, सेक्शन 24B प्रमुख हैं। आइए जानते हैं, टैक्सपेयर्स खासकर सैलरीड क्लास ओल्ड टैक्स रिजीम में कहां-कहां कितना टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है।
1. सेक्शन 80C का पूरा इस्तेमाल करें
सेक्शन 80C इनकम टैक्स बचाने का सबसे लोकप्रिय और आसान तरीका है। इसके तहत आप 1.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।
इसमें शामिल प्रमुख विकल्प:
– पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): एक सुरक्षित निवेश विकल्प, जिसमें टैक्स छूट के साथ-साथ अच्छा ब्याज भी मिलता है।
– इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS): यह म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है जो टैक्स बचाने के साथ ही हाई रिटर्न देने की भी क्षमता रखता है।
– जीवन बीमा प्रीमियम (Life Insurance Premium): जीवन बीमा की पॉलिसी पर भरा गया प्रीमियम भी टैक्स छूट के दायरे में आता है।
– सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): बेटियों की पढ़ाई और भविष्य के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है, जिसमें टैक्स छूट के साथ निवेश की सुरक्षा मिलती है।
– नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC): टैक्स छूट के साथ सुरक्षित निवेश का बेहतर विकल्प है।
2. स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट (सेक्शन 80D)
अगर आपने स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) लिया है, तो इसके प्रीमियम पर भी टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
– आप अपने परिवार (पति-पत्नी और 2 बच्चों) के लिए किए गए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक की टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं।
– अगर आपकी पॉलिसी में माता-पिता हैं और उनकी उम्र 60 साल से कम है तो अतिरिक्त 25,000 रुपये या यानी कुल 50,000 रुपये का क्लेम सेक्शन 80D में कर सकते हैं।
– अगर माता-पिता की उम्र 60 साल से ऊपर की है, तो यह छूट 50,000 रुपये तक बढ़ जाती है। यानी, कुल 75,000 रुपये तक के प्रीमियम भुगतान को टैक्स डिडक्शन में क्लेम किया जा सकता है।
3. होम लोन पर बचाएं टैक्स (सेक्शन 24(b))
अगर आपका होम लोन चल रहा है और सेल्फ ऑक्युपाइड है तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24(B) के अंतर्गत होम लोन पर ब्याज पर अधिकतम 2 लाख रुपए तक टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
4. शिक्षा ऋण (Education Loan) (Sec 80E)
अगर आपने या आपके बच्चे ने उच्च शिक्षा के लिए लोन लिया है तो आप उसके ब्याज पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
5. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम टैक्स बचाने का एक शानदार विकल्प है। आप सेक्शन 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट ले सकते हैं। यह छूट 80C की सीमा से अलग है। यानी, जब आप 80C का पूरा लाभ ले चुके हों तो, NPS से निवेश पर 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
6. दान भी है एक माध्यम (सेक्शन 80G)
यदि आपने किसी योग्य संस्था को दान दिया है, तो उस पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह छूट दान की गई राशि के 50% या 100% तक हो सकती है।
7. वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए HRA और LTA
– हाउस रेंट अलाउंस (HRA): अगर आप किराए के घर में रहते हैं, तो HRA पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
– लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA): घरेलू यात्रा पर हुए खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है।
8. कृषि आय
अगर आपकी आय में कृषि आय शामिल है, तो उस पर टैक्स नहीं लगता। यह प्रावधान उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी आय का एक हिस्सा खेती से आता है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के मुताबिक, कृषि से होने वाली कमाई टैक्स फ्री है।
टैक्स बचाने के लिए जरूरी है कि आप समय पर निवेश करें। 31 मार्च के बाद किए गए निवेश का लाभ आपको नहीं मिलेगा। इसलिए, जल्द से जल्द अपनी योजना बनाएं और निवेश को प्राथमिकता दें। हालांकि, आखिरी समय में लोग इसमें कई गलतियां कर देते हैं। जल्दबाजी में निवेश करने से गलत चीजों का चुनाव हो सकता है, जिससे आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है। पहले से प्लानिंग करना हमेशा बेहतर होता है।
समय पर टैक्स प्लानिंग और निवेश आपको न केवल टैक्स बचाने में मदद करेगा, बल्कि आपके भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित भी बनाएगा। सभी उपलब्ध विकल्पों का सही तरीके से उपयोग करें, और अपनी टैक्स प्लानिंग को गंभीरता से लें।
टैक्स और पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं, “अभी भी समय है कि आप टैक्स डिडक्शन के माध्यम से छूट पा सकते हैं। टैक्स बेनिफिट अधिकतर ओल्ड टैक्स रिजीम में ही मिलते हैं। 80C, 80D हो या सेक्शन 24B, ये सारे बेनिफिट आपको ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने पर ही मिलेंगे। 24B सेल्फ-ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी के लिए उपलब्ध है, अगर प्रॉपर्टी को किराए पर नहीं दिया गया है। इसके अलावा ओल्ड टैक्स रिजीम में 80E, 80G जैसी बेनिफिट भी मिलते हैं। अगर लंबे समय की बात करेंगे तो आपको ELSS के माध्यम से 12-15 प्रतिशत का रिटर्न छूट सकता है। “