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Sovereign Gold Bond: 34वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का पहला प्रीमैच्योर रिडेम्पशन अगले सप्ताह, जानिए कितना मिल सकता है रिटर्न?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 34वीं किस्त (2019-20 Series VII) को पहली बार मैच्योरिटी से पहले बेचने का मौका बॉन्ड धारकों को 10 दिसंबर 2024 यानी मंगलवार को मिलेगा

Last Updated- December 07, 2024 | 8:16 AM IST
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Sovereign Gold Bond 2019-20 Series VII: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की 34वीं किस्त को पहली बार मैच्योरिटी से पहले बेचने का मौका बॉन्ड धारकों (2019-20 Series VII) को 10 दिसंबर 2024 यानी मंगलवार को मिलेगा। यह बॉन्ड 10 दिसंबर 2027 को मैच्योर होगा। सब्सक्रिप्शन पीरियड के दौरान इस बॉन्ड के कुल 10,73,80 यूनिट बिके थे। वैसे बॉन्ड धारक ही इस बॉन्ड (IN0020190461) को मैच्योरिटी से पहले 10 दिसंबर 2024 को भुना सकते हैं जिन्होंने इसके लिए अप्लाई किया है। प्रीमैच्योर रिडेम्पशन को लेकर इच्छुक बॉन्ड धारकों के लिए अप्लाई करने की तारीख पिछले महीने 8 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक थी।

क्या हो सकता है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस आईबीजेए (IBJA) से 24 कैरेट गोल्ड (999) के लिए मिले रेट के आधार पर तय होते हैं। नियमों के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। 7 दिसंबर और 8 दिसंबर को क्रमश: शनिवार और रविवार होने की वजह से इस सीरीज का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 5 दिसंबर, 6 दिसंबर और 9 दिसंबर के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर तय होगा। इस बॉन्ड के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस का ऐलान आरबीआई (RBI) सोमवार 9 दिसंबर के क्लोजिंग प्राइस के आने के बाद यानी देर शाम करेगा।

आईबीजेए के मुताबिक 24 कैरेट गोल्ड (999) का शुरुआती भाव आज 7,654 रुपये प्रति ग्राम दर्ज किया गया।

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अब जानते हैं कि आखिर वैसे बॉन्ड धारक जो इस बॉन्ड (2017-18 Series X) को मैच्योरिटी से पहले 10 दिसंबर को भुनाएंगे उन्हें कितनी कमाई हो सकती है।

यह सॉवरेन गोल्ड (2019-20 Series VII) 3,795 रुपये के इश्यू प्राइस पर 10 दिसंबर 2019 को जारी हुआ था। जबकि आज के शुरुआती भाव के आधार पर संभावित प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 7,654 रुपये प्रति यूनिट है। इस हिसाब से इस सीरीज को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने पर बॉन्ड धारकों को 101.69 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न मिल सकता है। ऑनलाइन बॉन्ड धारक तो और ज्यादा फायदे में रह सकते हैं क्योंकि उन्हें इस बॉन्ड की खरीदारी पर इश्यू प्राइस के मुकाबले 50 रुपये प्रति यूनिट का डिस्काउंट भी मिला होगा। ऐसे बॉन्ड धारकों को इस बॉन्ड के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन पर 103 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न मिल सकता है।

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टैक्स चुकाने के बाद कमाई

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में बॉन्ड धारक बॉन्ड इश्यू होने के 12 महीने बाद बेच रहे हैं इसलिए उन्हें कैपिटल गेन पर 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना पड़ेगा।

अब इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने के मामले में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स, ग्रॉस रिटर्न और एनुअल रिटर्न की गणना करते हैं:

परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस (2019-20 Series VII) : 3,795 रुपये

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस (संभावित) : 7,654 रुपये

टैक्सेबल कैपिटल गेन: 7,654-3,795 = 3,859 रुपये

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 482 रुपये

टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 3,859-482 = 3,377 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 7,654-482 = 7,172 रुपये

ग्रॉस रिटर्न (%) : 89%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 13.58%

ऑनलाइन बॉन्ड धारक – एनुअल रिटर्न (CAGR): 13.88%

इंटरेस्ट जोड़कर कमाई

निवेशकों को इस सीरीज (2019-20 Series VII) के लिए प्रति वर्ष 2.5 फीसदी यानी 47.44 रुपये प्रति छह महीने जबकि 5 साल की होल्डिंग पीरियड के दौरान 474 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिला। इस तरह से देखें तो इंटरेस्ट को जोड़ने के बाद इस बॉन्ड से 14.38% फीसदी का एनुअल रिटर्न (CAGR) मिल सकता है। ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को तो 14.65 फीसदी का एनुअल रिटर्न मिल सकता है। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।

SGB की इस सीरीज पर इंटरेस्ट जोड़कर सालाना कमाई (CAGR) की गणना:

परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस (2019-20 Series VII) : 3,795 रुपये

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस (संभावित) : 7,654 रुपये

टैक्सेबल कैपिटल गेन: 7,654-3,795 = 3,859 रुपये

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 482 रुपये

टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 3,859-482 = 3,377 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 7,654-482 = 7,172 रुपये

इंटरेस्ट: 474 रुपये

ग्रॉस रिटर्न (%) : 101.47%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 15.04%

ऑनलाइन बॉन्ड धारक – एनुअल रिटर्न (CAGR): 15.34%

अब जानते हैं कि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को लेकर नियम क्या हैं?

कब कर सकते हैं प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप उसके इश्यू होने के 5 साल बाद मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं। आरबीआई प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट देय होता है। इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट प्रत्येक छह महीने यानी साल में दो दफे मिलता है।

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस तय होती है कैसे

मैच्योरिटी से पहले रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए (IBJA) की तरफ से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है।

टैक्स को लेकर क्या हैं नियम

अगर आपने मैच्योरिटी पीरियड से पहले रिडीम किया तो टैक्स लिस्टेड फाइनेंशियल एसेट्स की तरह लगेगा। मतलब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के बाद 12 महीने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप 12 महीने बाद बेचते हैं तो 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा। लेकिन यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा ।

First Published - December 5, 2024 | 2:14 PM IST

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