RBI Retail Direct: RBI ने 2021 में ‘रिटेल डायरेक्ट’ नाम की सुविधा शुरू की थी, जिसमें आम लोग सीधे RBI से सरकारी बॉन्ड (Government Securities) खरीद सकते हैं। अब RBI इसमें और सुविधा जोड़ने जा रहा है। अब छोटे-छोटे निवेशक भी SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए ट्रेजरी बिल्स (Treasury Bills) यानी सरकार के अल्पकालिक बॉन्ड में हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश कर सकेंगे।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार, 6 अगस्त 2025 को तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक के समापन के बाद अपने बयान में कहा, “हम RBI रिटेल-डायरेक्ट प्लेटफॉर्म की कार्यक्षमता को बढ़ा रहे हैं, ताकि रिटेल निवेशक ट्रेजरी बिल्स में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश कर सकें।”
ट्रेजरी बिल (T-Bills) सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले शॉर्ट टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं। ट्रेजरी बिल्स की अधिकतम मैच्योरिटी अवधि 364 दिन होती है। इन्हें आमतौर पर डिस्काउंट पर जारी किया जाता है और ये 4 अलग-अलग मैच्योरिटी विकल्पों में आते हैं – 14 दिन, 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन। वर्तमान में ट्रेजरी बिल में निवेश के लिए न्यूनतम राशि ₹25,000 है।
सरकार इन बिलों को अपनी अल्पकालिक उधारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए जारी करती है। सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण ट्रेजरी बिल्स को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है।
रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर ट्रेजरी बिल्स में SIP शुरू करने की सुविधा जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके शुरू होने से पहले आइए समझते हैं कि RBI रिटेल डायरेक्ट क्या है और फिलहाल इस प्लेटफॉर्म पर आप क्या-क्या कर सकते हैं।
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RBI का रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म खुदरा निवेशकों को आसान और ऑनलाइन पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है, जो सरकारी प्रतिभूति बाजार (government securities markets) के प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों सेगमेंट में निवेश करना चाहते हैं।
इस प्लेटफॉर्म को 2021 में लॉन्च किया गया था। यह प्लेटफॉर्म बिना किसी बिचौलिए के निवेशकों को विभिन्न सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) को सीधे ऑनलाइन खरीदने और बेचने की सुविधा देता है।
वर्तमान में, RBI रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के जरिए निवेशक निम्न कार्य कर सकते हैं:
1. इस प्लेटफॉर्म पर निवेशक RBI के साथ अपना ‘रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट (RDG अकाउंट)’ खोल और ऑपरेट कर सकते हैं।
2. क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL) के साथ बॉन्ड लेजर अकाउंट खोलना और उसे बनाए रखना।
3. सरकारी सिक्योरिटीज की प्राइमरी नीलामी में नॉन-कम्पटीटिव बोली सेगमेंट के माध्यम से भाग लेना।
4. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) का सब्सक्रिप्शन लेना।
5. फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड (FRSB) में निवेश करना।
6. सेकेंडरी मार्केट में पात्र सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री के लिए NDS-OM प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्राप्त करना। साथ ही अकाउंट डिटेल, नॉमिनेशन सुविधा, कूपन/रिडेम्पशन से जुड़ी जानकारी जैसी अन्य सेवाओं का लाभ लेना।
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RBI रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर दी गई जानकारी के मुताबिक निम्न में से कोई भी दस्तावेज या पात्रता रखने वाले रिटेल निवेशक RBI रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर यह अकाउंट खोल सकते हैं:
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इससे आम लोगों को सरकारी निवेश के सुरक्षित विकल्प मिलेंगे और उन्हें नियमित रूप से निवेश करने की आदत भी विकसित होगी। SIP के जरिए निवेश करना काफी आसान होता है, क्योंकि इसमें एक तय तारीख को तय की गई राशि अपने आप निवेश हो जाती है। यह तरीका न सिर्फ सुविधाजनक है, बल्कि छोटे-छोटे निवेशकों के लिए भी लाभदायक साबित हो सकता है।