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RBI MPC Outcome: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी बरकरार रखा है। यह फैसला उस समय आया है जब ग्लोबल ट्रेड को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से पिछले महीने के अंत में भारत के एक्सपोर्ट पर 25 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद अनिनिश्चितताएं ज्यादा हैं।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने MPC बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ग्लोबल अनिश्चितताओं से पहले ही अप्रैल में जारी पूर्वानुमानों में समाहित कर लिया गया था।
उन्होंने कहा, “MPC पहले ही इस साल का GDP अनुमान 6.7% से घटाकर 5.5% कर चुकी है क्योंकि वैश्विक अनिश्चितताओं को तब ही ध्यान में रख लिया गया था। हमें अभी GDP अनुमान में संशोधन करने के लिए पर्याप्त डाटा नहीं मिला है।”
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1 अगस्त से प्रभावी हुए अमेरिकी टैरिफ भारतीय जेम्स एंड ज्वैलरी एवं आभूषण, वस्त्र, फार्मास्युटिकल्स और इंजीनियरिंग उत्पादों जैसे प्रमुख निर्यात क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इससे GDP ग्रोथ रेट में 20 से 40 बेसिस प्वाइंट की कमी आ सकती है, लेकिन RBI फिलहाल सतर्क रुख अपनाए हुए है।
आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि RBI पहले ही 2025 में 100 बेसिस प्वाइंट की दरों में कटौती कर चुका है, जिसका असर अभी अर्थव्यवस्था में नजर आना बाकी है।
उन्होंने कहा, “मौद्रिक नीति का प्रभाव धीरे-धीरे आता है। हम ग्रोथ को समर्थन देने और प्राइस स्टैबिलिटी बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाते रहेंगे। हम पॉलिसी रेट से पॉलिसी रेट तक अपने मैक्रोइकॉनॉमिक हालात की निगरानी करते रहेंगे और परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय लेंगे। अभी सब कुछ बहुत अनिश्चित है।”
जब आरबीआई गवर्नर से पूछा गया कि ट्रंप के टैरिफ का महंगाई पर क्या असर होगा, तो उन्होंने कहा, “भारत में महंगाई मुख्य रूप से घरेलू कारकों पर निर्भर है, बाहरी प्रभाव सीमित हैं। अगर टैरिफ का कोई असर होगा भी, तो वह डिमांड और ग्रोथ पर भी असर डालेगा, जिससे इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ेगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक कोई जवाबी टैरिफ नहीं लगाए जाते, तब तक महंगाई पर इसका कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिलेगा। FY26 के लिए महंगाई अनुमान को अगस्त की MPC बैठक में घटाकर लगभग 3.1% कर दिया गया है।