सरकार ने पीपीएफ (PPF) यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) अकाउंट के प्रीमैच्योर क्लोजर यानी परिपक्वता से पहले बंद करने को लेकर नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। जिससे एक्सटेंडेड पीरियड के दौरान पेनल्टी के कैलकुलेशन को लेकर खाताधारकों का कन्फ्यूजन दूर हो गया है। यह बदलाव 9 नवंबर 2023 से लागू भी हो गया है। अब इस बदलाव के मायने समझते हैं।
सरकार ने जून 2016 में पीपीएफ अकाउंट के प्रीमैच्योर क्लोजर की सुविधा दी थी। जिसके मुताबिक कुछ खास परिस्थितियों में अकाउंट होल्डर अपने खाते को परिपक्वता यानी मैच्योरिटी से पहले बंद कर सकते हैं। लेकिन जिस वित्त वर्ष के दौरान खाता खुला है उसके अगले 5 साल पूरे होने से पहले प्रीमैच्योर क्लोजर की इजाजत नहीं है। वहीं यदि आप मैच्योरिटी से पहले पीपीएफ अकाउंट बंद करते हैं तो आपको पेनल्टी चुकानी होगी।
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नियमों के मुताबिक प्रीमैच्योर क्लोजर के मामले में पीपीएफ खाते पर समय समय पर आपको जो ब्याज मिला है उससे 1 फीसदी राशि बतौर पेनल्टी काट ली जाएगी। यदि अकाउंट मैच्योरिटी यानी 15 वर्ष से पहले बंद कर रहे हैं तो ब्याज में 1 फीसदी कटौती अकाउंट खुलने की तारीख से होगी।
लेकिन खाता एक्सटेंडेड पीरियड के दौरान बंद करने के मामले में पुराने नियमों (पीपीएफ 2019) के हिसाब से बहुत कन्फ्यूजन था। क्योंकि 2019 के नियमों के मुताबिक यदि आप एक्सटेंडेड पीरियड के दौरान खाते को बंद करते है तो आपको पेनल्टी तब से देनी होगी जबसे आपका पीपीएफ खाता एक्सटेंड हुआ है।
मतलब यदि अकाउंट 15 साल की मैच्योरिटी के बाद 5 साल के एक्सटेंडेड पीरियड में है तो एक फीसदी पेनल्टी एक्सटेंडेड पीरियड की शुरुआत से लगेगी। वहीं यदि आप एक से अधिक बार पीपीएफ अकाउंट को 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंड करते हैं तो अगले एक्सटेंडेड पीरियड के लिए भी पेनल्टी तभी से लगेगी जब से आपका पीपीएफ अकाउंट पहली बार एक्सटेंड हुआ है।
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नए नियम के जरिए यह स्पष्ट किया गया है कि यदि आपका पीपीएफ अकाउंट एक्सटेंडेड पीरियड में है तो प्रीमैच्योर क्लोजर के मामले में 1 फीसदी पेनल्टी की गणना प्रत्येक 5 साल के ब्लॉक की शुरुआत से होगी। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आप एक से अधिक बार पीपीएफ अकाउंट को 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंड करते हैं तो पेनल्टी तब से नहीं लगेगी जब से आपका पीपीएफ अकाउंट एक्सटेंड हुआ है बल्कि सिर्फ उसी 5 साल के एक्सटेंडेड पीरियड की शुरुआत से लगेगी।
नियमों के मुताबिक अकाउंट होल्डर अपने, अपने जीवनसाथी या परिवार के आश्रित सदस्यों (बच्चे, माता-पिता) की जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए पूरा पैसा निकाल कर अकाउंट बंद कर सकते हैं। यदि खाताधारक को देश या विदेश में अपने या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत है तब भी उसे अकाउंट बंद करने की सुविधा मिलती है। इसके अलावा अगर पीपीएफ खाताधारक देश छोड़कर जा रहा हो तो वह पीपीएफ अकाउंट बंद कर सकता है।
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पीपीएफ खाते को बंद करने के लिए अकाउंट होल्डर को फॉर्म-5 भरकर जमा करना होता है। इस फॉर्म में आपको बताना होता है कि आप अकाउंट को किस कारण से बंद कर रहे हैं। साथ ही आवेदन के साथ जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी लगाने होते हैं, मसलन अगर बीमारी के इलाज के लिए खाता बंद कर रहे हैं तो मेडिकल अथॉरिटी की ओर से दिए गए कागजात, उच्च शिक्षा के लिए खाता बंद कर रहे हैं, तो फीस की रसीद, बिल और एडमिशन को कन्फर्म करने वाले डॉक्युमेंट्स, विदेश जा रहे हैं तो वीजा, पासपोर्ट या इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी … ।