facebookmetapixel
IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणुITC Hotels ने लॉन्च किया प्रीमियम ब्रांड ‘एपिक कलेक्शन’, पुरी से मिलेगी नई शुरुआतनेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौता

EPS के तहत पेंशन ज्यादा होगी, लेकिन इसकी कीमत चुकानी होगी: क्या आपको चुनना चाहिए ?

केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य योजना (EPS) 1995 में संशोधन किया था। ये संशोधन 1 सितंबर, 2014 से प्रभावी हुए।

Last Updated- February 23, 2023 | 2:52 PM IST
EPFO

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के हालिया सर्कुलर के बाद आपको अपनी कंपनी के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट (HRD) से एक ईमेल प्राप्त हो सकता है या हुआ होगा।

इसमें पूछा गया होगा कि क्या आप जॉइंट ऑप्शन स्किम का हिस्सा बनना चाहते हैं। इस बारे में फैसला लेने से पहले आइए इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानते है ;

सबसे पहले जानते है कि वर्ष 2014 में EPS 1995 योजना में किए गए संशोधन में मुख्य बदलाव क्या किए गए थे?

केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य योजना (EPS) 1995 में संशोधन किया था। ये संशोधन 1 सितंबर, 2014 से प्रभावी हुए।

विक्टोरियम लीगलिस – एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर के मैनेजिंग पार्टनर आदित्य चोपड़ा ने कहा, “ईपीएस संशोधन के परिणामस्वरूप पेंशन योग्य वेतन कैप को 6,500 रुपये से 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया था।”

संशोधन ने EPS के सदस्यों को कैप्ड मूल वेतन के बजाय उनके एक्चुअल वेतन के आधार पर उच्च पेंशन का विकल्प चुनने का अवसर दिया।

जॉइंट ऑप्शन स्किम क्या है?

EPS 1995 में 2014 के संशोधन द्वारा जॉइंट ऑप्शन स्किम की शुरुआत की गई है। इसमें कहा गया है कि प्रति माह 15,000 रुपये से अधिक बेसिक सैलरी पाने वाला कर्मचारी भुगतान किए गए एक्चुअल वेतन के आधार पर EPS से उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने का हकदार है। इसलिए 15,000 रुपये की कैप अप्लाई नहीं होगी।

इस योजना को जॉइंट ऑप्शन स्किम इसलिए कहा गया है क्योंकि 2014 के संशोधन में कर्मचारियों को 15,000 रुपये के बेसिक वेतन से अधिक वेतन पर 1.16 प्रतिशत योगदान करने की आवश्यकता है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने संशोधन के इस पहलू को अवैध घोषित कर दिया है और इस प्रावधान में संशोधन के लिए केंद्र को छह महीने का समय दिया है।

जॉइंट ऑप्शन स्किम के लिए कौन एलिजिबल है?

एबीए लॉ ऑफिस की प्रिंसिपल और संस्थापक नुष्का अरोड़ा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अधिकांश कर्मचारियों के लिए उच्च पेंशन का विकल्प चुनने का द्वार खोल दिया है। निर्णय में कहा गया है कि 1 सितंबर, 2014 से पहले रिटायर होने वाले और उच्च पेंशन के लिए अपने विकल्प का प्रयोग नहीं करने वालों को छोड़कर सभी कर्मचारी, उच्च पेंशन के नए विकल्प को निर्धारित समय सीमा के भीतर निष्पादित करने के पात्र हैं।”

EPFO के 20 फरवरी 2023 के सर्कुलर के अनुसार, कर्मचारी और नियोक्ता जिन्होंने ईपीएस सदस्य रहते हुए पिछली विंडो में संयुक्त विकल्प का प्रयोग नहीं किया था या ऐसे कर्मचारी जो 1 सितंबर, 2014 से पहले सदस्य थे और पर या बाद में सदस्य बने रहे वह दिनांक संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में जॉइंट ऑप्शन स्किम के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कौन नहीं हो सकता है शामिल ?

अगर ईपीएफ योजना में शामिल होने के समय किसी कर्मचारी का मूल वेतन 15,000 रुपये प्रति माह से अधिक था, तो वह इस योजना में शामिल नहीं हो सकता है।

First Published - February 23, 2023 | 2:50 PM IST

संबंधित पोस्ट