मोतीलाल ओस्वाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (MOAMC) अपने “मोतीलाल ओस्वाल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड” की शानदार सफलता पर जश्न मना रही है।
इस फंड ने 13 जून से 27 जून, 2024 तक निवेशकों से 1,676 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो किसी भी इक्विटी इंडेक्स फंड द्वारा अब तक का सबसे अधिक कलेक्शन है। यह फंड भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट डिफेंस कंपनियों के एक ग्रुप में निवेश करता है, जिससे निवेशकों को देश के डिफेंस सेक्टर के संभावित विकास का फायदा मिलता है।
मोतीलाल ओस्वाल का यह फंड इस तरह की दूसरी पेशकश है। पिछले साल एचडीएफसी के फंड के बाद यह दूसरा डिफेंस इंडेक्स फंड है। हालांकि, मोतीलाल ओस्वाल का फंड एक अलग तरीका अपनाता है – यह एक ऐसा फंड है जो निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स को ट्रैक करता है।
इसका मतलब है कि इस फंड का प्रदर्शन सीधे तौर पर इंडेक्स के प्रदर्शन से जुड़ा होता है, जिससे निवेशकों को पूरे भारतीय डिफेंस सेक्टर में शामिल होने का एक सुविधाजनक तरीका मिलता है।
भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में डिफेंस सेक्टर में तेजी से तरक्की कर रहा है। इसी वजह से डिफेंस सेक्टर में बड़ा विकास और नई खोज होने की उम्मीद है। मोतीलाल ओस्वाल एएमसी के प्रोडक्ट्स पर निवेशकों का भरोसा इस फंड की सफलता से साफ झलकता है।
प्रतीक अग्रवाल, मोतीलाल ओस्वाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ ने कहा कि यह फंड भारत की मजबूत होती डिफेंस टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे विकास का फायदा उठाने के लिए तैयार है, और हमारे निवेशक भारत की डिफेंस सेक्टर की तरक्की का हिस्सा बनेंगे।
यह फंड निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स को फॉलो करता है, जो भारत की डिफेंस कंपनियों के प्रदर्शन को दिखाता है। इस फंड को पूरे भारत के 16,900 से ज्यादा पिनकोड्स से 2,48,000 से भी ज्यादा लोगों ने खरीदा है। इस फंड की यूनिट्स 3 जुलाई को आवंटित की गई थीं और अब 9 जुलाई से इसमें फिर से निवेश किया जा सकता है।
निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स जनवरी 2022 में लॉन्च हुआ था। इसमें 15 डिफेंस कंपनियां शामिल हैं, जिनमें से टॉप 10 कंपनियां पूरे फंड का 94% हिस्सा बनाती हैं। इस इंडेक्स में हर 6 महीने (मार्च और सितंबर) में कंपनियों के हिसाब से फंड का बंटवारा एडजस्ट किया जाता है।
पिछले एक साल और तीन साल में, डिफेंस सेक्टर के इस सूचकांक (निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स) ने क्रमशः 177% और 89.5% की सीएजीआर वृद्धि दर्ज की है (31 मई 2024 तक)। हालांकि डिफेंस सेक्टर में अच्छा कमाई की संभावना है, लेकिन इसमें उतार-चढ़ाव भी ज्यादा आ सकता है।
सरकार भारत में डिफेंस उपकरण बनाने पर ज्यादा जोर दे रही है। “आत्मनिर्भर भारत” जैसी पहल इसी का सबूत है, जिसका लक्ष्य आयात कम करके डिफेंस उपकरणों का देशी उत्पादन बढ़ाना है। इस सरकारी फोकस की वजह से डिफेंस सूचकांक ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले कुछ सालों में ज्यादातर डिफेंस कंपनियों के शेयरों की कीमतों में तेजी आई है।
हालांकि, निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:
सेक्टरेक्टर का जोखिम: डिफेंस फंड सिर्फ डिफेंस सेक्टर पर निर्भर करते हैं। ऐसे फंडों में लंबे समय में उतार-चढ़ाव ज्यादा आता है, कभी बहुत मुनाफा होता है तो कभी घाटा भी हो सकता है।
शेयरों की ऊंची कीमतें: वैल्यू रिसर्च की अमेया सत्यवादी ने कहा, डिफेंस सेक्टर का खर्च तो बढ़ा है, लेकिन पिछले कुछ समय में शेयरों की कीमतों में भी बहुत तेजी आई है, जिससे उनकी असली कीमत पर सवाल उठता है।
हाई जोखिम वाला फंड
IIFL ब्रोकरेज का मानना है कि यह निवेशकों के लिए एक हाई जोखिम वाला फंड है क्योंकि यह सिर्फ डिफेंस सेक्टर से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब है कि फंड की परफॉर्मेंस पूरी तरह से डिफेंस सेक्टर के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। डिफेंस सेक्टर की कई कंपनियों के शेयरों की कीमतें (पी/ई रेश्यो) काफी ज्यादा हैं।
साथ ही, सरकार डिफेंस उपकरणों को खुद बनाने का फैसला कर सकती है, जिससे इस सेक्टर की कंपनियों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, इन कंपनियों के शेयरों में कम लेन-देन होता है, जिससे पैसा निकालने में परेशानी हो सकती है। फंड ऐसे समय में लॉन्च हो रहा है जब बाजार अपने सर्वोच्च स्तर पर है। फंड को निफ्टी इंडिया डिफेंस TRI इंडेक्स के साथ जोड़ा जाएगा, जिसका मतलब है कि इंडेक्स से जुड़े जोखिम भी इस फंड में शामिल होंगे।
बाजार जोखिम और रिटर्न: इस फंड को शेयर बाजार के रुझानों पर आधारित एक इंडेक्स फंड माना जाता है। चूंकि यह किसी खास इंडेक्स को फॉलो करता है, इसलिए इसमें स्वाभाविक रूप से जोखिम है और आपको यह गारंटी नहीं मिलती कि आपको मुनाफा ही होगा। फंड की कमाई में उतार-चढ़ाव आ सकता है, और यह पूरी तरह से उस इंडेक्स के प्रदर्शन की नकल नहीं कर पाएगा जिसे यह फॉलो कर रहा है।
इस फंड में निवेश के दो विकल्प हैं। ग्रोथ ऑप्शन में डिविडेंड को दोबारा लगाया जाता है जिससे आपकी पूंजी बढ़ती रहती है। वहीं, आईडीसीडब्ल्यू विकल्प में आपको डिविडेंड के पैसे लेने या उन्हें फिर से लगाने का चुनाव मिलता है। आप फंड में दो तरीके से निवेश कर सकते हैं। रेगुलर प्लान में एडवाइजर को कमीशन देना होता है, इसलिए यह थोड़ा महंगा होता है। वहीं, डायरेक्ट प्लान में सीधे फंड हाउस में निवेश करने से कम खर्च लगता है।
फंड की परफॉर्मेंस को निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स से मापा जाएगा और फंड मैनेजर कोशिश करेंगे कि फंड की परफॉर्मेंस इसी इंडेक्स के प्रदर्शन से ज्यादा अलग न हो। शेयर फंड होने के नाते, इस पर पूंजीगत लाभ कर लगता है। एक साल से कम के लाभ पर 15% और एक साल से ज्यादा के लाभ पर, अगर राशि एक लाख से ज्यादा है, तो 10% कर लगेगा।