facebookmetapixel
Smallcap Stock: 5 साल में 350% से अधिक रिटर्न, कंपनी अब कर रही बड़ी तैयारी, शुक्रवार को फोकस में रहेंगे शेयरनुवामा वेल्थ को म्यूचुअल फंड लॉन्च करने की मिली हरी झंडी, सेबी ने दी मंजूरीOpenAI की वैल्यूएशन हुई $500 अरब, बना दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअपपोर्टफोलियो को चार चांद लगा देगा ये Jewellery Stock! हाई से 42% नीचे, ब्रोकरेज ने कहा- दिवाली से पहले खरीद लेंस्वदेशी और स्वावलंबन का कोई विकल्प नहीं: RSS सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवतहिंदुजा ₹1.85 लाख करोड़ संपत्ति के साथ बने दुनिया के सबसे अमीर एनआरआई: M3M हुरुन रिच लिस्टदशहरा पिक 2025: हैवीवेट Defence PSU Stock में दिखा ब्रेकआउट, ब्रोकरेज ने बताया अगला टारगेटElon Musk ने रचा इतिहास, बने दुनिया के पहले 500 अरब डॉलर की नेटवर्थ वाले व्यक्तिShare Market Holiday: शेयर बाजार में आज नहीं होगा कारोबार, इस महीने 2 दिन और रहेगी छुट्टीआरएसएस के 100 साल : विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी

मॉरीशस के FPI पर आयकर विभाग का शिकंजा, जांच प्रक्रिया तेज; मुकदमेबाजी के बढ़ने की आशंका

सूत्रों के अनुसार पिछले दो हफ्ते के दौरान मॉरीशस के आधा दर्जन से अधिक एफपीआई को उनके कर निवास प्रमाण पत्र (टीआरसी) के संबंध में आयकर विभाग से नोटिस मिले हैं।

Last Updated- April 14, 2025 | 10:55 PM IST
Income Tax
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: ShutterStock

आयकर विभाग ने भारत-मॉरीशस संधि के तहत कर लाभ का दावा करने वाले मॉरीशस के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की जांच-पड़ताल तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार पिछले दो हफ्ते के दौरान मॉरीशस के आधा दर्जन से अधिक एफपीआई को उनके कर निवास प्रमाण पत्र (टीआरसी) के संबंध में आयकर विभाग से नोटिस मिले हैं।

घटनाक्रम के जानकार एक सूत्र ने कहा, ‘कर विभाग ने टीआरसी आवेदन की प्रतियां देने का अनुरोध किया है। कुछ एफपीआई प्रशासकों ने मॉरीशस में स्थायी व्यवसाय स्थान घोषित नहीं किया है, ऐसे में उन्हें कर लाभ देने से मना किया जा सकता है। 5 से 7 एफपीआई को डेरिवेटिव आय पर कर वसूली का नोटिस मिला है।’

इस बारे में जानकारी के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को ईमेल किया गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय ने टीआरसी पर दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें विदेशी निवेशकों के लिए कम कर दरों का समर्थन किया गया था। ब्लैकस्टोन कैपिटल पार्टनर्स से जुड़े इस मामले में अंतिम सुनवाई लंबित है।

कानून के जानकारों का कहना है कि दोहरा कराधान निषेध सं​धि (डीटीएए) और आयकर अधिनियम के अनुसार टीआरसी संधि साझेदार देश में करदाता के निवास की पु​ष्टि करता है मगर इसे संधि लाभों के लिए व्यापक अधिकार के रूप में नहीं माना जा सकता है। सिंघानिया ऐंड कंपनी में पार्टनर कुणाल शर्मा ने कहा, ‘टीआरसी के साथ-साथ, इसे संधि की अन्य शर्तों को भी पूरा करना चाहिए जैसे कि लाभ की सीमा (एलओबी) या मुख्य उद्देश्य परीक्षण (पीपीटी) प्रावधान जिनका उद्देश्य संधि के दुरुपयोग को रोकना है। कर अधिकारी इस बात के सबूत मांग रहे हैं कि संधि लाभों का दावा करने वाली इकाई वास्तविक व्यवसाय संचालित करती है और वह माध्यम नहीं है।’

कई कर विशेषज्ञों का मानना ​​है कि भारतीय न्यायालयों ने टीआरसी को करदाता की आवास स्थिति के निर्णायक सबूत के रूप में मान्यता दी है और इस प्रकार वे लाभ का दावा करने के लिए पात्र हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म सीएनके के पार्टनर पल्लव प्रद्युम्न नारंग ने कहा, ‘कभी-कभी व्यावहारिक कठिनाइयां हो सकती हैं, जिसमें कर विभाग द्वारा विभिन्न प्रारूपों और/या पूरे विवरण की कमी के कारण आपत्ति उठाई जा सकती हैं। हालांकि ये संधि लाभ से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है।’

ध्रुव एडवाइजर्स में पार्टनर पुनीत शाह ने कहा, ‘कर अधिकारी विनियामक फाइलिंग, लाभकारी स्वामित्व घोषणा और बोर्ड गतिविधियों सहित एफपीआई की पृष्ठभूमि की बारीकी से जांच कर रहे हैं, खास तौर पर मॉरीशस और सिंगापुर के एफपीआई की।’

विशेषज्ञों ने आगाह किया कि जांच से मुकदमेबाजी के मामले बढ़ सकते हैं। नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार 3.57 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ मॉरीशस एफपीआई निवेश के मामले में पांचवें स्थान पर है।

First Published - April 14, 2025 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट