2024 में चांदी की चमक बरकरार है, इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। 8 अप्रैल को, चांदी 81,313 रुपये प्रति किलोग्राम के हाई लेवल पर पहुंच गई। पिछले साल भी चांदी में 7.19% की वृद्धि देखी गई थी। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल चांदी के भविष्य को लेकर काफी पॉजिटिव है।
उनका अनुमान है कि चांदी की कीमतें 1 लाख रुपये (100,000) और मध्यम से लंबी अवधि में 1.2 लाख रुपये (120,000) तक पहुंच सकती हैं। साल-दर-साल आधार पर, चांदी अब तक 11% से अधिक बढ़ी है जबकि सोना लगभग 15% बढ़ा है।
मोतीलाल ओसवाल चांदी की बढ़ती कीमतों के पीछे कई कारकों का हवाला देता है:
1. औद्योगिक क्षेत्र में मजबूत मांग: इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में चांदी का उपयोग बढ़ रहा है।
2. सुरक्षित-संपत्ति: आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के समय में, चांदी को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है।
3. भू-राजनीतिक तनाव: 2020 से, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष, और अन्य तनावों ने बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी है, जिससे चांदी की मांग बढ़ी है।
मोतीलाल ओसवाल के कमोडिटी और करेंसी रिसर्च हेड, नवनीत दमानी का कहना है कि अगले कुछ महीनों में चांदी की कीमतें बढ़ने की संभावना है। हालांकि, यह निश्चित तौर पर कहना मुश्किल है कि चांदी की कीमतें सीधे ऊपर जाएंगी या अस्थिरता के साथ। उनकी सलाह है कि चांदी में निवेश करें। अगर कीमतें 75,000 रुपये तक गिरती हैं तो खरीदें। लंबी अवधि में, चांदी की कीमतें 92,000 रुपये और फिर 100,000 रुपये तक पहुंच सकती हैं।
चांदी की कीमतों में हालिया वृद्धि के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
चांदी की थर्मल और विद्युत कंडक्टिविटी इसे इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर पैनल, और ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों में महत्वपूर्ण बनाती है। इन क्षेत्रों में विकास, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में, चांदी की मांग को बढ़ा रहा है।
2024 में वैश्विक चांदी की मांग 1.2 बिलियन औंस तक पहुंचने का अनुमान है, जो अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर होगा। यह वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत औद्योगिक मांग के कारण है। सिल्वर इंस्टिट्यूट के डेटा से ऐसा पता चलता है कि आभूषण और चांदी के बर्तन की मांग में भी 1% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
चांदी का औद्योगिक उपयोग 2024 में 4% बढ़कर 690 मिलियन औंस तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले साल हासिल किए गए रिकॉर्ड स्तर से भी अधिक होगा। चांदी का उपयोग फोटोवोल्टिक (पी.वी.) पैनल और ऑटोमोबाइल में बढ़ रहा है, जो इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।
चांदी में निवेशन भी इसके बढ़ने की बड़ी वजह है। चांदी मुद्रास्फीति और बाजार की अस्थिरता के खिलाफ बचाव के रूप में भी काम करती है। आर्थिक अनिश्चितता के समय में, निवेशक अक्सर अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए चांदी जैसी कीमती धातुओं में निवेश करते हैं। चांदी की कीमत में उतार-चढ़ाव अक्सर सोने के साथ जुड़ा हुआ होता है, हालांकि चांदी में सोने की तुलना में अधिक अस्थिरता होती है।
भारत, दुनिया के टॉप चांदी उपभोक्ता के रूप में, वैश्विक चांदी बाजार पर बड़ा प्रभाव डालता है। मोतीलाल ओसवाल रिपोर्ट में बताए गए फैक्टर्स घरेलू चांदी की मांग को बढ़ाते हैं।
सरकारी पहल: भारत सरकार नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों में चांदी का उपयोग होता है। इन क्षेत्रों में चांदी की खपत बढ़ने की उम्मीद है।
बढ़ता प्रभाव: भारत में खर्च करने योग्य आय बढ़ रही है। ऐसे में चांदी के आभूषणों और बर्तनों की मांग बढ़ रही है। मध्यम वर्ग के विस्तार से चांदी की मांग और बढ़ने का अनुमान है।
निवेश जागरूकता: चांदी निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह पोर्टफोलियो विविधीकरण में मदद करता है। रियल एस्टेट और फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में चांदी में बेहतर रिटर्न की संभावना है।
मोतीलाल ओसवाल के सराफा विश्लेषक मानव मोदी के अनुसार, बाजार को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय और चीन के आर्थिक सुधार हैं। ये कारक वर्तमान में कीमतों को बढ़ावा दे रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा जारी रहने की उम्मीद है। सोने में काफी तेजी आई है और चांदी भी अब तेजी पकड़ रही है। यह तेजी औद्योगिक धातुओं में बढ़ोतरी से जुड़ी है।
चांदी, उच्च अस्थिरता वाली एक कीमती और औद्योगिक धातु होने के नाते, सोने की तुलना में तेजी से आगे बढ़ती है। मोदी का मानना है कि इस साल चांदी सोने की बढ़त के बराबर या उससे भी आगे निकल सकती है।
चांदी की कीमतों में संभावित उछाल का फायदा उठाना चाहते हैं? तो यहां कुछ आसान तरीके हैं जिनसे आप चांदी में निवेश कर सकते हैं:
1. भौतिक चांदी (Physical Silver): चांदी के सिक्के या बार खरीदकर आप उसका सीधे खरीद सकते हैं। हालांकि, भौतिक चांदी को स्टोर करने और उसका बीमा कराने का खर्च भी होगा।
2. सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड): ये ईटीएफ चांदी की कीमतों को ट्रैक करते हैं, इसलिए आपको चांदी को स्टोर नहीं करना पड़ेगा। आप शेयरों की तरह ही ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं।
यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा है जो कम जोखिम के साथ चांदी में निवेश करना चाहते हैं।
3. चांदी वायदा: अनुभवी निवेशक चांदी वायदा अनुबंधों का उपयोग करके हाई रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। वायदा अनुबंधों में बहुत अधिक जोखिम होता है, इसलिए यह तरीका केवल अनुभवी निवेशकों के लिए है।