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NPS से UPS में शिफ्ट का आखिरी मौका, जानें नए पेंशन सिस्टम के फायदे

NPS vs UPS: केंद्र सरकार के कर्मचारी दोनों योजनाओं का लाभ एक साथ नहीं ले सकते। वे या तो NPS में बने रह सकते हैं या फिर 1 अप्रैल 2025 से UPS में शिफ्ट हो सकते हैं।

Last Updated- June 22, 2025 | 3:53 PM IST
UPS vs NPS
Representative Image

NPS vs UPS: केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से जुड़े कर्मचारियों को एक नया विकल्प दिया है। ऐसे सभी केंद्रीय कर्मचारी जो 1 अप्रैल 2025 तक सेवा में हैं और NPS के तहत कवर हैं, वे 30 जून 2025 तक यह तय कर सकते हैं कि वे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) अपनाना चाहते हैं या नहीं। UPS एक नई पेंशन योजना है जो रिटायरमेंट के बाद तय मासिक पेंशन की गारंटी देती है, जो NPS में नहीं मिलती।

किन्हें मिलेगा UPS का विकल्प?

वे सभी केंद्रीय कर्मचारी जो 1 अप्रैल 2025 तक सेवा में हैं और अभी NPS के तहत आते हैं, इस विकल्प को चुन सकते हैं।

UPS के प्रमुख लाभ:

  • निश्चित मासिक पेंशन: रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के तौर पर मिलेगा, बशर्ते कर्मचारी ने 25 साल की सेवा पूरी की हो।
  • न्यूनतम पेंशन: अगर कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की सेवा की है, तो रिटायरमेंट पर हर महीने ₹10,000 की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित है।
  • परिवार पेंशन: रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर, पेंशन का 60% हिस्सा जीवनसाथी को मिलेगा।
  • महंगाई राहत (Dearness Relief): UPS के तहत मिलने वाली पेंशन पर भी केंद्र सरकार की तरह महंगाई राहत (DR) लागू होगी।
  • लंपसम लाभ: सेवा के हर 6 महीने पर वेतन का 10% एकमुश्त राशि के तौर पर सुपरएन्यूएशन (सेवानिवृत्ति) के समय मिलेगा।

कब से लागू होगी UPS?

यह योजना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी।  कर्मचारियों को 30 जून तक UPS को चुनने या न चुनने का फैसला करना होगा। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है जो रिटायरमेंट के बाद की आय सुरक्षा चाहते हैं।

NPS से UPS में ऑनलाइन बदलाव कैसे करें? जानिए आसान तरीका

अगर आप एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) से यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) में शिफ्ट करना चाहते हैं, तो अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है। पात्र कर्मचारी खुद ही यह बदलाव e-NPS पोर्टल के ज़रिए कर सकते हैं। जानिए स्टेप-बाय-स्टेप तरीका:

ऑनलाइन प्रक्रिया:

  • पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले https://enps.nsdl.com पर जाएं और “Unified Pension Scheme” मेन्यू के तहत “NPS to UPS Migration” विकल्प पर क्लिक करें।
  • PRAN और जन्मतिथि दर्ज करें: अपने PRAN (Permanent Retirement Account Number) और जन्म तिथि दर्ज करें, फिर कैप्चा कोड भरें।
  • OTP से वेरिफिकेशन: आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर ओटीपी आएगा। उसे भरकर अगला चरण पूरा करें।
  • घोषणा फॉर्म भरें: आपको यह घोषणा करनी होगी कि आप यूपीएस विकल्प को अंतिम और अपरिवर्तनीय रूप से स्वीकार कर रहे हैं।
  • आधार/VID से ई-साइन करें: ई-साइन के लिए अपना आधार नंबर या वर्चुअल आईडी (VID) दर्ज करें। ओटीपी आने के बाद प्रक्रिया पूरी करें।
  • पुष्टि और डाउनलोड: आपको एक acknowledgment नंबर मिलेगा और माइग्रेशन फॉर्म की कॉपी डाउनलोड करने का विकल्प मिलेगा।

ऑफलाइन विकल्प भी मौजूद:

अगर आप ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाना चाहते हैं, तो https://www.npscra.nsdl.co.in/ups.php से Form A2 डाउनलोड करें, उसे भरें और अपने नोडल ऑफिस में जमा करें।

NPS vs UPS: कौन है बेहतर? 

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और पुरानी पेंशन योजना (UPS) दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं।

NPS के तहत, कर्मचारी की सैलरी का हिस्सा शेयर बाजार और अन्य बाजार आधारित निवेशों में लगाया जाता है। निवेश से मिलने वाला रिटर्न ही भविष्य में पेंशन के रूप में मिलता है। इसमें कोई निश्चित पेंशन राशि तय नहीं होती।

UPS के तहत, रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% हर महीने पेंशन के रूप में मिलता है। यह एक निश्चित पेंशन होती है और इसमें न्यूनतम पेंशन की भी गारंटी होती है।

अगर किसी कर्मचारी को शेयर बाजार की समझ है और उसकी रिटायरमेंट में 10 से 20 साल का समय बाकी है, तो वह NPS के ज़रिए बेहतर एन्युटी रिटर्न प्राप्त कर सकता है। ऐसे में NPS उसके लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकता है।

क्या NPS और UPS दोनों का लाभ एक साथ लिया जा सकता है?

केंद्र सरकार के कर्मचारी दोनों योजनाओं का लाभ एक साथ नहीं ले सकते। वे या तो NPS में बने रह सकते हैं या फिर 1 अप्रैल 2025 से UPS में शिफ्ट हो सकते हैं।

एक बार अगर किसी कर्मचारी ने UPS को चुन लिया, तो वह दोबारा NPS में वापस नहीं जा सकता। यानी UPS को चुनना अंतिम निर्णय होगा।

First Published - June 22, 2025 | 3:53 PM IST

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