ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने करीब 100 दिन की देरी के बाद आखिरकार गुरुवार को ऑनलाइन फाइलिंग के लिए ITR-2 फॉर्म एक्टिव कर दिया है। इसकी जानकारी विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के ज़रिए दी। अब तक सिर्फ ITR-1 और ITR-4 फॉर्म ही ऑनलाइन फाइलिंग के लिए उपलब्ध थे।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने X पर पोस्ट में बताया, “इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए अब ITR-2 फॉर्म ऑनलाइन मोड में भी उपलब्ध है। यह फॉर्म अब e-filing पोर्टल पर प्री-फिल्ड डेटा के साथ भरा जा सकता है। यानी अब आप आसानी से अपना रिटर्न भर सकते हैं क्योंकि जरूरी जानकारियां पहले से भरी मिलेंगी।”
Kind Attention Taxpayers!
Income Tax Return Form of ITR-2 is now enabled for filing through online mode with pre-filled data at the e-filing portal.
Visit: https://t.co/uv6KQUbXGv pic.twitter.com/u8EiumigEb
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) July 18, 2025
आमतौर पर इनकम टैक्स विभाग अप्रैल या मई में सभी ITR यूटिलिटीज़ और ऑनलाइन फॉर्म जारी कर देता है। लेकिन इस साल इसमें काफी देर हुई। ITR-1 और ITR-4 की यूटिलिटीज़ मई में ही आ गई थीं, लेकिन ITR-2 और ITR-3 फॉर्म्स की ऑनलाइन यूटिलिटीज़ 100 दिन से भी ज्यादा की देरी के बाद जारी की गईं।
इसी वजह से और इस साल ITR फॉर्म्स में किए गए बदलावों को देखते हुए सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 15 सितंबर 2025 कर दी है।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-2 फॉर्म को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब जो लोग ITR-2 फाइल करने के एलिजिबल हैं, वे सीधे इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रिटर्न भर सकते हैं। इसके लिए अब न तो Excel utility डाउनलोड करनी होगी, न ही JSON फॉर्मेट में फाइल बनाकर अपलोड करनी पड़ेगी।
पहले यह एक लंबी और समय लेने वाली प्रक्रिया होती थी, जिसमें टैक्सपेयर्स को Excel फॉर्म में जानकारी भरनी होती थी, फिर उसे JSON में कनवर्ट करके पोर्टल पर अपलोड करना पड़ता था। लेकिन अब यह सब हटाकर फॉर्म को सीधे पोर्टल पर भरने की सुविधा दी गई है।
अब Form 26AS, AIS, PAN और TIS से जुड़ी जानकारी खुद-ब-खुद ITR-2 फॉर्म में भर जाएगी। इससे टैक्सपेयर्स को बार-बार डिटेल्स भरने की जरूरत नहीं होगी और गलती की संभावना भी कम हो जाएगी। अब यूजर्स सीधे पोर्टल पर लॉग इन करके फॉर्म भर सकते हैं और रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
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ITR-2 उन व्यक्तियों (individuals) और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए होता है जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं होती है। अगर आपकी कमाई निम्नलिखित स्रोतों से होती है, तो आप ITR-2 फाइल कर सकते हैं:
अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपको अपनी कंपनी से मिला हुआ Form 16 चाहिए होगा।
अगर आपने बैंक में सेविंग या फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज कमाया है और उस पर TDS कटा है, तो आपको Form 16A यानी टीडीएस सर्टिफिकेट चाहिए, जो ब्याज काटने वाले बैंक या संस्था देती है।
आपको Form 26AS की जरूरत पड़ेगी, जिससे पता चलेगा कि आपकी सैलरी या दूसरी इनकम पर कितना TDS कटा है। यह फॉर्म आप इनकम टैक्स की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और HRA का फायदा लेना चाहते हैं, तो आपको किराए की रसीदें लगानी होंगी, खासकर अगर आपने वो रसीदें ऑफिस में नहीं दी थीं।
अगर आपने शेयर या म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाया है और उससे फायदा (या नुकसान) हुआ है, तो आपको पूरे साल का प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट या कैपिटल गेन रिपोर्ट चाहिए होगी।
ब्याज की इनकम का हिसाब लगाने के लिए, आपके पास बैंक पासबुक या फिक्स्ड डिपॉजिट की रसीदें होनी चाहिए।
अगर आपने कोई प्रॉपर्टी किराए पर दी है, तो उसकी इनकम दिखाने के लिए आपको किराएदार की जानकारी, हाउस टैक्स और होम लोन के ब्याज की डिटेल्स देनी होंगी (अगर हो तो)।
अगर इस साल आपने कोई नुकसान उठाया है, तो उसे क्लेम करने के लिए उससे जुड़े दस्तावेज़ रखने होंगे।
अगर आप पिछले साल का कोई नुकसान इस साल क्लेम करना चाहते हैं, तो उसके लिए उस साल की ITR-V कॉपी जरूरी है जिसमें वह नुकसान दिखाया गया हो।
अगर आप टैक्स बचाने के लिए धारा 80C, 80D, 80G या 80GG के तहत छूट लेना चाहते हैं, तो आपको बीमा, डोनेशन, बच्चों की फीस या किराए की रसीदें जैसी चीजें साथ में रखनी होंगी — खासकर अगर इन्हें Form 16 में शामिल नहीं किया गया हो।