facebookmetapixel
Stock Market Today: गिफ्ट निफ्टी में तेजी, एशियाई बाजार हरे निशान पर; जापान पीएम इशिबा ने दिया इस्तीफाStocks To Watch Today: अदाणी पावर-भूटान डील, टाटा-महिंद्रा कारें हुईं सस्ती; जानें आज किन स्टॉक्स पर ध्यान देंसीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारत

चांदी में धीरे-धीरे रकम लगाएं या गिरावट पर दांव आजमाएं

ब्रोकरेज हाउस को उम्मीद है कि गहने बनाने के साथ ही उद्योगों में भी काम आने वाली चांदी मध्यम अवधि में 1 लाख रुपये से 1.2 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।

Last Updated- April 29, 2024 | 9:53 AM IST
Silver rose by more than 10 percent in October, chances of further rise in prices

Silver इस साल 14 फरवरी को 69,150 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गई थी मगर वहां से चढ़ते हुए इसी महीने यह 83,218 रुपये प्रति किलो तक पहुंची, जो 20.3 फीसदी बढ़त है। 12 अप्रैल को तो चांदी 83,819 रुपये का नया रिकॉर्ड छू आई थी। मोतीलाल ओसवाल की एक हालिया रिपोर्ट में चांदी की संभावनाएं काफी उजली बताई गई हैं।

ब्रोकरेज हाउस को उम्मीद है कि गहने बनाने के साथ ही उद्योगों में भी काम आने वाली चांदी मध्यम अवधि में 1 लाख रुपये से 1.2 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। लेकिन रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि बीच-बीच में उठापटक भी होगी। बहरहाल यही लग रहा है कि चांदी में निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है। कमोडिटी में दांव खेलने वाले निवेशक अगर अपने पोर्टफोलियो में चांदी को भी शामिल करते हैं तो उनमें से ज्यादातर मुनाफा कमा सकते हैं।

उजली संभावनाएं

विशेषज्ञों को लगता है कि निकट भविष्य में चांदी का दमदार प्रदर्शन जारी रह सकता है। प्रभुदास लीलाधर में वाइस प्रेसिडेंट (टेक्निकल रिसर्च) वैशाली पारेख कहती हैं, ‘हमारा अनुमान है कि भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के साथ ही चांदी का भाव भी चढ़ता रहेगा। निकट भविष्य में इसके लिए हमारा लक्ष्य 86,600 रुपये है। अगर ऐसी ही मजबूती जारी रही तो हम चांदी का भाव और भी ऊपर देख सकते हैं और हो सकता है कि यह कुछ ही समय में 92,000 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा छू ले।’

कहां से सहारा

सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन जैसी नए जमाने की पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों में चांदी का जमकर इस्तेमाल होता है। निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड में कमोडिटी प्रमुख और फंड मैनेजर विक्रम धवन कहते हैं, ‘हरित प्रौद्योगिकी के कारण चांदी की मांग में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी।

अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, भारत, ब्राजील जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का हरित प्रौद्योगिकी के लिए काफी मजबूत रुख दिख रहा है, जिससे चांदी को काफी सहारा मिलेगा।’

आनंद राठी शेयर्स ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स में निदेशक (कमोडिटीज एवं करेंसीज) नवीन माथुर समझाते हैं कि अगले छह महीने में चांदी की संभावनाएं बहुत उज्ज्वल हैं क्योंकि 2024 में भी इसकी आपूर्ति कम ही रहेगी। अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है तो चांदी चमकती रहेगी।

एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के बोर्ड सदस्य विशाल धवन कहते हैं, ‘चांदी की उद्योगों और चिकित्सा में कई तरह से इस्तेमाल होता है। दुनिया भर में बना महज 10 फीसदी सोना उद्योगों में इस्तेमाल होता है मगर लगभग 50 फीसदी चांदी उद्योगों में ही काम आती है। इसलिए चांदी की चाल दुनिया भर में चल रही आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी है। उद्योगों से मांग बढ़ी तो चांदी के भाव भी चढ़ेंगे।’

मगर खटका भी

चांदी की संभावनाएं तो अच्छी हैं मगर कुछ बातें उसकी चाल बिगाड़ भी सकती हैं। माथुर कहते हैं, ‘अमेरिका में वृहद आर्थिक आंकड़े मजबूत रहे तो ब्याज दर काफी समय तक ऊंची बनी रह सकती है। इससे निकट भविष्य में डॉलर सूचकांक भी चढ़ सकता है, जिसकी वजह से चांदी के भाव नीचे जाएंगे।’

विशाल धवन का कहना है, ‘चीन का संपत्ति बाजार धीमा हो गया है और उसका वृहद आर्थिक माहौल भी कमजोर लग रहा है। इससे चांदी की मांग और कीमत पर असर पड़ सकता है।’

निवेशक क्या करें

चांदी पिछले कुछ समय में इतनी चढ़ चुकी है कि अब निवेशकों को इसे टुकड़ों में ही खरीदना चाहिए या इस समय के भाव से 10-15 फीसदी गिरावट आने पर इसकी खरीद करनी चाहिए।

निप्पॉन के विक्रम धवन की सलाह है कि जो निवशक चांदी के भाव पर लगातार नजर नहीं रख सकते, उन्हें सिल्वर सेविंग्स फंड या चांदी में रकम लगाने वाले मल्टी-ऐसेट ऐलकेशन फंड के जरिये सिस्टमैटिक निवेश करना चाहिए। मगर अपने कुल निवेश का कितना हिस्सा चांदी में लगाना चाहिए?

इसका जवाब देते हुए प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और बियॉन्ड लर्निंग फाइनैंस की संस्थापक जीनल मेहता कहती हैं, ‘सोने और चांदी जैसी धातुओं में कुल मिलाकर 10-15 फीसदी आवंटन काफी होगा।’

मार्के की बात यह है कि निवेशक चांदी में चल रही तेजी देखकर ज्यादा जोश में न आ जाएं। निप्पॉन के विक्रम धवन कहते हैं कि चांदी खरीदने का सबसे सही वक्त वह होता है, जब कोई उसे पूछ ही नहीं रहा हो।

विशाल धवन के हिसाब से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) या फंड ऑफ फंड्स चुनना सही रहेगा। मगर वह इस बात का ध्यान रखने के लिए कहते हैं कि फंड का एक्सपेंस रेश्यो कम हो और ट्रैकिंग एरर भी कम हो।

वैशाली पारेख मानती हैं कि निवेशकों को थोड़ी चांदी धातु के रूप में भी खरीदनी चाहिए। मगर यह भी ध्यान रखना चाहिए कि धातु के रूप में चांदी रखने पर गहनों की बनवाई यानी मेकिंग चार्ज और कर जैसे कुछ खर्च भी बढ़ेंगे। चांदी को सुरक्षित रखना भी मुश्किल भरा हो सकता है और चोरी का डर भी रहता है।

First Published - April 29, 2024 | 9:53 AM IST

संबंधित पोस्ट