ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी लत, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाया। लोकसभा ने ‘ऑनलाइन गेमिंग का प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025’ (The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) को पारित कर दिया। अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, और वहां से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर यह कानून बन जाएगा।
इस विधेयक के तहत पैसे लगाकर खेले जाने वाले सभी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, ऐसे गेम्स के विज्ञापन, बैंकिंग लेनदेन और फंड ट्रांसफर पर भी रोक लगाने का प्रावधान किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में इस विधेयक को प्रस्तुत किया, जिसे वॉयस वोट (मत विभाजन के बिना ध्वनि मत) से पारित कर दिया गया। इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध जताया और नारेबाजी की। बिल पारित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
विधेयक के अनुसार, ऑनलाइन मनी गेम ऐसा कोई भी गेम है जिसमें उपयोगकर्ता पैसे जमा करता है और उसे इसके बदले में धन या अन्य लाभ मिलने की उम्मीद होती है।
इसमें निम्नलिखित गतिविधियां शामिल हैं:
विधेयक के तहत क्या होंगे दंड?
यह कानून बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी निर्देश देता है कि वे ऐसे किसी भी गेम के लिए फंड ट्रांसफर या भुगतान की सुविधा नहीं दें। साथ ही, इन गेम्स से जुड़े विज्ञापन प्रकाशित या प्रसारित करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
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सरकार का तर्क है कि इन ऑनलाइन मनी गेम्स से युवाओं में लत की प्रवृत्ति, परिवारिक तनाव, आर्थिक नुकसान और साइबर धोखाधड़ी बढ़ रही है। यह कानून इन सामाजिक समस्याओं को नियंत्रित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। यह कानून न केवल डिजिटल क्षेत्र को अधिक जिम्मेदार बनाएगा, बल्कि देश में ऑनलाइन मनी गेमिंग के अनियंत्रित विस्तार पर भी सख्त लगाम लगाएगा।
(लोकसभा सचिवालय, एजेंसी इनपुट के साथ)
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